कनाडा जाकर नौकरी करने की इच्छा रखने वाले भारतीय पेशेवरों को कनाडा की ट्रूडो सरकार ने बड़ा झटका दिया है. दरअसल कनाडा की सरकार ने अपने एक्सप्रेस इमीग्रेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है. इसमें उम्मीदवारों की योग्यता निर्धारित करने वाले कॉम्प्रिहेंसिव रैंकिंग सिस्टम के नियमों को बदला गया है. नए नियमों के तहत अब उम्मीदवारों को नौकरी का ऑफर मिलने के लिए कोई अतिरिक्त अंक नहीं दिए जाएंगे. नए नियम साल 2025 में लागू हो जाएंगे.
कनाडा सरकार का दावा है कि यह कदम लेबर मार्केट इम्पैक्ट असेसमेंट (LMIA) की अवैध खरीद-बिक्री को रोकने के लिए उठाया गया है. इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने बताया कि यह बदलाव इमिग्रेशन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और ईमानदार बनाएगा. साथ ही, यह सुनिश्चित करेगा कि कनाडा को कुशल कामगार मिलते रहें.
LMIA और नए बदलावों का असर
LMIA एक ऐसा परमिट है, जो उम्मीदवारों को कनाडा में नौकरी पाने में मदद करता है. हालांकि, नए नियम सभी आवेदकों पर लागू होंगे. जिन आवेदकों को पहले ही आवेदन का निमंत्रण मिल चुका है, वे इससे प्रभावित नहीं होंगे.
एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम में क्या बदलेगा?
एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम कनाडा में स्थायी निवास पाने का एक प्रमुख रास्ता है. इस सिस्टम में अंक दिए जाते हैं और जिसके ज्यादा अंक होते हैं, उसे कनाडा आने का मौका मिलता है. पहले नौकरी का ऑफर होने पर अतिरिक्त अंक मिलते थे लेकिन अब यह बदल रहा है. इससे खासकर उन भारतीय छात्रों का नुकसान हो सकता है, जो कनाडा में नौकरी पाकर बसना चाहते हैं. कनाडा में भारतीय छात्रों की एक बड़ी संख्या है. काम करने के लिए भी बड़ी संख्या में भारतीय कनाडा जाते हैं. ऐसे में भारतीयों पर इसका खास असर दिख सकता है.
भारतीय छात्रों और पेशेवरों पर क्या होगा प्रभाव?
कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या काफी अधिक है. इसके साथ ही, बड़ी संख्या में भारतीय काम के उद्देश्य से कनाडा जाते हैं. इन बदलावों का सीधा असर भारतीय समुदाय पर पड़ेगा, क्योंकि नौकरी के लिए अंक न मिलने से स्थायी निवास की संभावना कम हो सकती है.
कैनेडियन सरकार का मकसद
कनाडा सरकार का कहना है कि यह बदलाव आव्रजन प्रणाली को सुधारने और धोखाधड़ी कम करने के लिए आवश्यक है. इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि कनाडा की अर्थव्यवस्था को सही और कुशल लोग मिलते रहें. First Updated : Thursday, 26 December 2024