इंटरनेशनल न्यूज. कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा, लोकतांत्रिक संस्थाओं और अंतर-सरकारी मामलों के मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने हाल ही में कनाडा में स्थित एक प्रमुख खालिस्तानी समूह, वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन (WSO) के नेताओं से मुलाकात की. इस बैठक के बाद, लेब्लांक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "आज मैंने वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन के नेताओं से मुलाकात की, ताकि समुदाय की सुरक्षा पर चर्चा की जा सके. कानून प्रवर्तन और सरकारें मिलकर कनाडा में सिख समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं.
नागर कीर्तन विवाद
हालांकि, लेब्लांक की ओर से सुरक्षा की गारंटी देने के बावजूद, खालिस्तानी अलगाववाद को लेकर तनाव बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में एक 'नागर कीर्तन' जुलूस के दौरान एक विवादित घटना ने स्थिति को और जटिल बना दिया. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें जुलूस में शामिल लोग कनाडा विरोधी नारे लगाते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में लोग कनाडाई नागरिकों को "आक्रमणकारी" बताते हुए कहते हैं, "तुम लोग इंग्लैंड और यूरोप वापस जाओ. एक अन्य शख्स कहता है, "यह कनाडा है, हमारा अपना देश। तुम लोग (कनाडाई) वापस जाओ.
वीडियो की सत्यता पर सवाल
हालांकि इस वीडियो की सत्यता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन इसने कनाडा में खालिस्तानी समूहों के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता को और बढ़ा दिया है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इसे कनाडा के "नए सामान्य" के रूप में देखा है, जिसमें खालिस्तानी तत्व स्थानीय समुदायों पर अधिक प्रभाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन समूहों ने कनाडा में हिंदू समुदाय के कुछ लोगों से सुरक्षा पैसे की वसूली करने के आरोप लगाए हैं, और स्थानीय कनाडाई नागरिक अपने ही इलाकों में खतरे का सामना कर रहे हैं.
भारत-कनाडा रिश्तों में तनाव
यह घटना कनाडा और भारत के बीच चल रहे व्यापक कूटनीतिक संकट के बीच आई है, जिसे 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने और बढ़ा दिया. निज्जर, जिन्हें भारत ने आतंकवाद से जुड़ा हुआ बताया था. उसको जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में मारा गया था. इस हत्या के बाद, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर हत्या के आरोप लगाए थे, जिसे भारत ने खारिज करते हुए कनाडा सरकार पर खालिस्तानी उग्रवादियों को शरण देने का आरोप लगाया. इसके जवाब में, भारत ने कई कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया और ओटावा से अपने राजदूत को वापस बुला लिया.
भारत का सुरक्षा पर जोर
भारत ने कनाडा पर खालिस्तानी समूहों के बढ़ते प्रभाव को रोकने का दबाव डाला है, और यह स्थिति दोनों देशों के रिश्तों को और जटिल बना रही है. मोदी ने कनाडा में हिंदू श्रद्धालुओं पर हुए हमलों की कड़ी आलोचना करते हुए इसे "जानबूझकर हमलों" के रूप में करार दिया है. यह घटनाएं दोनों देशों के रिश्तों में और खटास ला रही हैं, जो पहले से ही ट्रूडो के आरोपों के कारण तनावपूर्ण स्थिति में हैं. First Updated : Tuesday, 19 November 2024