पार की लाल लकीर! हिंदू मंदिर पर टूट पड़े खालिस्तानी, भक्तों का किया ये हाल ट्रूडो का वीडियो आया सामने

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक हिंदू मंदिर में दर्शन किए और वहां धार्मिक धागा पहना, जिससे उन्होंने हिंदू समुदाय के प्रति एकजुटता दिखाई. इस बीच, ब्रैम्पटन में एक मंदिर में श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हुए हमले ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया. ट्रूडो ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की. यह घटनाएं भारत-कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद के बीच हुई हैं. जानिए इन घटनाओं के पीछे की पूरी कहानी और उनकी गंभीरता.

calender

Trudeau Temple Visit: भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव के बीच, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक हिंदू मंदिर का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने मंदिर में जाकर पवित्र धागा पहनकर हिंदू समुदाय के प्रति अपनी एकजुटता दिखाई. ट्रूडो ने कहा कि वह पिछले कुछ महीनों में तीन अलग-अलग हिंदू मंदिरों में गए हैं और इस अनुभव को अपने लिए सौभाग्यशाली मानते हैं.

ट्रूडो ने दीपावली के अवसर पर इस मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने कहा, 'मुझे ये कंगन तब मिले जब मैं इन मंदिरों में गया था. ये सौभाग्य लाते हैं.' वीडियो में उन्हें मंदिर के सदस्यों से मिलते हुए और मिठाई का आनंद लेते हुए देखा गया. ट्रूडो ने कहा कि वह मिठाई को अपनी टीम के लिए बचाकर रखेंगे.

ब्रैम्पटन में हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला

लेकिन इसी दौरान, ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला होने की घटना ने तनाव को और बढ़ा दिया. यह हमला कथित तौर पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किया गया था, जिससे समुदाय में आक्रोश फैल गया. ट्रूडो ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि कनाडा में किसी को भी अपने धर्म का पालन करने में असुरक्षित महसूस नहीं होना चाहिए.

ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में हुए इस हमले में कई श्रद्धालु घायल हुए. वीडियो फुटेज में दिखाई दे रहा है कि एक समूह लाठी लेकर भक्तों पर हमला कर रहा है. इस पर कनाडाई पुलिस ने भी तुरंत कार्रवाई की और घटना की जांच का आश्वासन दिया. पील क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख ने कहा कि वे शांतिपूर्ण विरोध का सम्मान करते हैं, लेकिन हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

भारत-कनाडा के संबंधों में तनाव

ये घटनाएं उस समय हो रही हैं जब भारत और कनाडा के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हैं. पिछले कुछ समय से कनाडा ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार के एजेंटों का हाथ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में था. यह मामला खालिस्तान समर्थक गतिविधियों से जुड़ा है, जिससे भारत ने स्पष्ट रूप से इनकार किया है और कनाडा पर आंखें मूंदने का आरोप लगाया है.

इस बीच, ब्रैम्पटन के मेयर और कनाडाई सांसदों ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता कनाडा के मूल्यों का हिस्सा है. सांसद चंद्रा आर्य ने कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने 'लाल रेखा पार कर दी है' और हिंदू-कनाडाई समुदाय को अपनी सुरक्षा के लिए जागरूक रहना चाहिए.

इस तरह, जस्टिन ट्रूडो का मंदिर दौरा और ब्रैम्पटन में हुई हिंसा ने कनाडा में धार्मिक सहिष्णुता और सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. इन घटनाओं ने भारत और कनाडा के बीच के रिश्तों को और भी जटिल बना दिया है, जबकि दोनों देशों को इस संकट का समाधान ढूंढने की जरूरत है. First Updated : Monday, 04 November 2024