निशाने पर ट्रंप और मस्क, अमेरिका के 250 साल के इतिहास की खूबियां...व्हाइट हाउस से जाते-जाते क्या बोले बाइडेन

जो बाइडेन ने अपने विदाई भाषण में अपने दिल का गुबार निकाल दिया है. उन्होंने गाजा में शांति का क्रेडिट तो लिया ही ट्रंप पर भी निशाना साध दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका का विचार सिर्फ एक व्यक्ति की उपज नहीं है बल्कि इस दुनियाभर के अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोगों ने मिलकर सींचा है.

calender

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडेन ने आज आखिरी बार देश को संबोधित किया. उन्होंने  अपने विदाई भाषण में अमेरिका को लेकर ऐसी-ऐसी बातें कह दीं हैं कि न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया भर में ये चर्चा का विषय बन गईं हैं. बाइडेन ने कहा कि उन्होंने गाजा में शांति की डील करा दी है. उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन ने आठ महीने की लगातार बातचीत के बाद, हमास और इजरायल में युद्धविराम और बंधक समझौते को कराया. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर भी कड़ी टिप्पणी कर दी है. 

बाइडेन ने कहा कि मैं देश को कुछ खतरों से आगाह करना चाहता हूं, जो बड़ा खतरा बन सकते हैं. आज ताकत मुट्ठीभर लोगों के हाथों में सिमटकर रह गई है. मुट्ठीभर दौलतमंद लोगों के हाथों में शक्ति का केंद्रीकरण खतरनाक है जिससे देश के लोकतंत्र को खतरा बना हुआ है. इससे लोगों के बुनियादी अधिकारों को भी खतरा है क्योंकि इससे आगे बढ़ने के लिए सभी को मिलने वाले निष्पक्ष मौके खत्म हो जाएंगे.

हम असल कौन हैं और हमें क्या बनना चाहिए?

बाइडेन ने बुधवार को अमेरिकियों से डोनाल्ड ट्रंप के तहत भविष्य में कुलीन वर्गों, दुष्प्रचार और एआई के खतरों के खिलाफ "खड़े रहने" का आग्रह किया.बाइडेन ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कोविड-19 महामारी से उत्पन्न गहरे संकट से बाहर निकालने में अपनी उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने विदेशों में अमेरिका के गठबंधन को मजबूत बनाया है. हालांकि, लाइव टेलीविज़न पर अपने संक्षिप्त भाषण में बाइडन ने तुरंत संयुक्त राज्य अमेरिका के सामने आने वाले खतरों को बताया. 

बाइडेन ने कहा कि मैं हमेशा सोचता रहा हूं कि हम असल कौन हैं और हमें क्या बनना चाहिए? उन्होंने न्यूयॉर्क में स्थापित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रतिमा की तरह अमेरिका का विचार सिर्फ एक व्यक्ति की उपज नहीं है बल्कि इस दुनियाभर के अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोगों ने मिलकर सींचा है. 

ट्रंप-मस्क पर निशाना

बाइडेन ने बुधवार को अमेरिकियों से डोनाल्ड ट्रंप के तहत बनने वाले "खतरनाक" कुलीनतंत्र के खिलाफ "खड़े रहने" का आग्रह किया. 82 वर्षीय बाइडन ने एलन मस्क और मार्क जुकरबर्ग की तरफ इशारा करते हुए कहा, "आज, अमेरिका में अत्यधिक धन, शक्ति और प्रभाव वाला एक कुलीनतंत्र आकार ले रहा है, जो सचमुच हमारे पूरे लोकतंत्र को खतरे में डालता है. अब अमीर लोगों के हाथों में सत्ता जा रही है."बाइडन ने एआई के खतरों के बारे में भी चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका को एआई के मामले में चीन पर "लीड" लेना चाहिए.

खुला समाज और स्वतंत्र प्रेस ने लोकतंत्र को मजबूत किया

निवर्तमान राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका होने का मतलब लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करना है. लगभग पचास सालों के राजनीतिक जीवन के बाद मैं कह सकता हूं कि अमेरिका होने का मतलब लोकतंत्र का सम्मान है. खुला समाज और स्वतंत्र प्रेस इसकी आधारशिला हैं. शक्तियों और कर्तव्यों का संतुलन बनाए रखना हमेशा परफेक्ट नहीं हो सकता लेकिन इसने लगभग 250 सालों तक हमारे लोकतंत्र को मजबूत किया है. 

बाइडेन ने अपनी सरकार की उपलब्धियों पर बात करते हुए कहा कि हमने इतने सालों में मिलकर क्या किया है. इसका प्रभाव क्या हुआ है. इसे समझने में अभी समय लगेगा. लेकिन हमने जो बीज बोए हैं, वह विशाल वृक्षों के रूप में बढ़ेंगे और दशकों तक लाभ देते रहेंगे. 

बाइडेन ने कहा कि नाटो को और सशक्त करना, गन सेफ्टी कानूनों को लागू करना और बुजुर्गों के लिए दवाओं की कीमतें कम करना हमारे प्रशासन की कुछ उपलब्धियां हैं. 

चुनाव से पहले ही हुए आउट

अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन (82) का चार साल का कार्यकाल 20 जनवरी को समाप्त होगा, जब डोनाल्ड ट्रंप (78) देश के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे. बाइडन पिछले साल अपने चुनाव प्रचार अभियान के बीच में राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए थे. उनकी जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था. हालांकि, नवंबर में संपन्न चुनाव में उन्हें रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी.

बता दें कि बाइडेन ने राष्ट्रपति के तौर पर पांचवीं और आखिरी बार ओवल ऑफिस से देश को संबोधित किया. इससे पहले उन्होंने 24 जुलाई को देश को ओवल ऑफिस से संबोधित कर कहा था कि वह 2024 राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से पीछे हट रहे हैं. First Updated : Thursday, 16 January 2025