अमेरिका के लिए बहुत अच्छी चीज हैं, जिन्हें लोग 'एक दिन समझेंगे'- ट्रंप ने टैरिफ को बताया 'खूबसूरत', क्या America को मिलेगा फायदा?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने टैरिफ फैसलों की तारीफ की और कहा कि ये अमेरिका के लिए फायदेमंद होंगे, खासकर चीन और यूरोपीय संघ से व्यापार घाटे को खत्म करने के लिए. लेकिन इन फैसलों ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है. क्या ट्रंप का यह कदम वाकई अमेरिका के लिए फायदेमंद साबित होगा या फिर इससे और समस्याएं खड़ी हो जाएंगी? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!

Trump Beautiful Tariff Strategy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपनी टैरिफ नीतियों की सराहना की और इन्हें अमेरिका के लिए फायदेमंद बताया, खासकर चीन और यूरोपीय संघ (EU) के साथ व्यापार घाटे को कम करने के लिए. हालांकि, इन कदमों से वैश्विक बाजारों में हलचल मची है और कई देशों ने विरोध जताया है लेकिन ट्रंप का कहना है कि ये टैरिफ 'अमेरिका के लिए एक बहुत खूबसूरत चीज़ हैं' और लोग एक दिन इनके लाभ को समझेंगे.
टैरिफ की बढ़ोतरी और अमेरिका का व्यापार घाटा
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, TruthSocial पर लिखा कि अमेरिका का चीन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के साथ विशाल वित्तीय घाटा है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन को दोषी ठहराते हुए कहा कि बिडेन के शासनकाल में इन देशों के साथ व्यापार में अधिक surplus बढ़ा है. ट्रंप ने यह भी कहा कि इस घाटे को ठीक करने का एक ही तरीका है और वह है टैरिफ. उन्होंने दावा किया कि इन टैरिफों से अमेरिका में अरबों डॉलर आ रहे हैं और यह अमेरिका के लिए एक बहुत ही सकारात्मक कदम है.
टैरिफ की विस्तृत योजनाएं और वैश्विक प्रतिक्रिया
2 अप्रैल को, ट्रंप ने अपने टैरिफ प्रस्तावों को लागू किया. इस दिन को उन्होंने 'लिबरेशन डे' (Liberation Day) कहा और सभी आयातों पर 10% शुल्क लागू किया. इसके अलावा, चीन, कनाडा, मेक्सिको जैसे देशों पर विशेष टैरिफ बढ़ाए गए. चीनी आयातों पर 54% और आयातित कारों पर 25% का टैरिफ लगाया गया, जो पहले से जारी व्यापारिक तनाव को और बढ़ा रहा है. ये टैरिफ उन देशों के साथ अमेरिका के व्यापार घाटे को घटाने के उद्देश्य से लगाए गए थे.
विरोध और आर्थिक चिंताएं
इन कदमों के बाद, आलोचकों ने चिंता जताई है कि इससे उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ सकती हैं जो उन उद्योगों में नौकरी के अवसरों को भी प्रभावित कर सकती हैं, जो आयात पर निर्भर करते हैं. इसके अलावा, कुछ अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि इससे मंदी की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि उपभोक्ता विश्वास घट सकता है और उत्पादन लागत में इज़ाफा हो सकता है.
वैश्विक प्रतिक्रिया और कानूनी चुनौती
जवाब में, चीन, यूरोपीय संघ और कनाडा जैसे देशों ने काउंटर-टैरिफ की घोषणा की है, जिससे वैश्विक व्यापार में तनाव और बढ़ गया है. इसके साथ ही, इन टैरिफों को लेकर कानूनी चुनौतियां भी सामने आ रही हैं, जहां सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्रंप को इतनी शक्ति दी जा सकती है कि वे बिना कांग्रेस की अनुमति के इतने बड़े आर्थिक फैसले ले सकें.