'आगे क्या होगा, मैं नहीं जानता' – टैरिफ योजनाओं पर अडिग डोनाल्ड ट्रंप, वैश्विक बाजारों में हलचल
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी और वैश्विक बाजारों में गिरावट पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कभी-कभी बदलाव लाने के लिए कड़ी दवा लेनी पड़ती है. उन्होंने अपनी टैरिफ योजनाओं से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दूसरे देशों ने अमेरिका के साथ बुरा व्यवहार किया है और इसे सुधारने के लिए वे कड़े कदम उठा रहे हैं. जानिए, ट्रंप की इस रणनीति से वैश्विक बाजारों पर क्या असर पड़ेगा!

Trump Tariff Plans: वैश्विक बाजारों में इन दिनों जबरदस्त उथल-पुथल मची हुई है, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. रविवार को ट्रंप ने अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गिरावट को लेकर कहा कि कभी-कभी कुछ सही करने के लिए कड़वी दवा लेनी पड़ती है. यह बयान उस वक्त आया जब अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापारिक मुद्दों पर तनाव बढ़ गया था. ट्रंप ने कहा कि व्यापारिक साझेदारों ने अमेरिका के साथ बुरा व्यवहार किया है और इसके लिए वह पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते हैं.
ट्रंप ने कहा – बाजारों का भविष्य कोई नहीं जानता
ट्रंप का मानना है कि वर्तमान स्थिति को सुधारने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने फ्लोरिडा में गोल्फ खेलते हुए संवाददाताओं से कहा, 'कभी-कभी आपको कुछ ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है' और इस संदर्भ में उन्होंने अपने टैरिफ योजनाओं को लेकर कोई भी नरमी दिखाने के संकेत नहीं दिए. ट्रंप ने अमेरिका और अन्य देशों के व्यापारिक रिश्तों में सुधार के लिए कड़े कदम उठाने की बात की और दावा किया कि 'दूसरे देशों ने हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया है क्योंकि हमारे पास मूर्ख नेतृत्व था जो इसे होने दिया.
वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव
अमेरिका और वैश्विक बाजारों में वित्तीय संकट के बीच ट्रंप ने कहा कि बाजारों का क्या होगा, इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. हालांकि, उनका यह भी कहना था कि अमेरिका इस समय बहुत मजबूत स्थिति में है. ट्रम्प ने यह भी बताया कि उन्होंने सप्ताहांत में टैरिफ के मुद्दे पर कई देशों के नेताओं से बातचीत की थी और उनका दावा था कि ये देश समझौते के लिए बेताब हैं.
टैरिफ योजनाओं का असर और वित्तीय बाजारों में हंगामा
डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन सहित कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने की योजना बनाई थी, जिससे अमेरिका और दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में हड़कंप मच गया था. ट्रम्प द्वारा चीन पर 34% तक के टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से अमेरिकी शेयर बाजार में लगभग 6 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. इस नुकसान ने वैश्विक निवेशकों को चिंता में डाल दिया. हालांकि, ट्रम्प की टीम ने इस आशंका को खारिज करते हुए कहा कि ये शुल्क तय हैं और ट्रम्प इसे लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं.
अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों की राय: मंदी और मुद्रास्फीति पर चिंता
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प के शीर्ष आर्थिक सलाहकारों ने बाजार की चिंता को कम करने की कोशिश की. वाणिज्य सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक ने स्पष्ट किया कि 'शुल्क लगने वाले हैं' और ट्रम्प इस फैसले में कोई बदलाव नहीं करने वाले. वहीं, ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि 50 से ज्यादा देशों से बातचीत की जा चुकी है, लेकिन इसे हल होने में वक्त लगेगा. उन्होंने कहा, 'यह कोई छोटी समस्या नहीं है जिसे कुछ हफ्तों में हल किया जा सके.'
कुल मिलाकर, ट्रम्प ने साफ कर दिया है कि वह अपनी टैरिफ नीतियों पर अडिग हैं और किसी भी हाल में पीछे नहीं हटने वाले. वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल के बीच यह देखना होगा कि अमेरिका की ये कड़ी नीतियां क्या असर डालती हैं और वैश्विक बाजारों में कितना बदलाव आता है. ट्रम्प के इस रवैये से न केवल निवेशक, बल्कि अन्य देशों के व्यापारिक संबंधों पर भी बड़ा असर पड़ सकता है.