Trump के फैसले से संकट में 12 लाख बच्चों की जान, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
अमेरिका ने गरीब देशों में टीकाकरण कार्यक्रमों का समर्थन करने वाली संस्था गावी को वित्त पोषण देना बंद कर दिया है. इसके कारण, अनुमान है कि अगले 5 वर्षों में 75 मिलियन बच्चों को टीका नहीं लग पाएगा तथा 1.2 मिलियन बच्चे मर जाएंगे. ट्रंप के इस फैसले की हर कोई निंदा कर रहा है. ट्रंप ने कई ऐसे कार्यक्रमों में कटौती है जिससे बहुत नुकसान हो सकता है.

इंटरनेशनल न्यूज. अमेरिका ने गरीब देशों में टीकाकरण कार्यक्रमों का समर्थन करने वाली संस्था गावी को दी जाने वाली वित्तीय सहायता समाप्त करने का निर्णय लिया है. द टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 281 पृष्ठों की स्प्रेडशीट में ट्रम्प प्रशासन की हजारों विदेशी सहायता कार्यक्रमों की योजनाओं की सूची दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, इस निर्णय को उस वैश्विक प्रयास के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसने पिछले 25 वर्षों में लाखों बच्चों का जीवन बचाया है.
ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले के तहत मलेरिया से लड़ने के लिए चलाए जा रहे कई प्रमुख कार्यक्रमों में भी कटौती की जाएगी, जबकि एचआईवी और टीबी के इलाज से जुड़े कुछ अनुदान जारी रखने की योजना है. अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) ने हाल ही में कांग्रेस को 281 पृष्ठों की एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उन विदेशी सहायता परियोजनाओं की सूची दी गई है जिन्हें जारी रखा जाएगा तथा जिन्हें समाप्त कर दिया जाएगा.
गावी में होगा सबसे अधिक नुकसान
इन फाइलों से यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका वैश्विक स्वास्थ्य और मानवीय सहायता में अपनी भूमिका को सीमित कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने 5,341 विदेशी सहायता परियोजनाओं को बंद करने का निर्णय लिया है, जबकि केवल 898 परियोजनाएं जारी रहेंगी. इस निर्णय से सबसे अधिक नुकसान गावी को होगा, क्योंकि यह संगठन दुनिया भर के गरीब देशों को आवश्यक टीके की आपूर्ति करता है.
75 मिलियन बच्चे टीकाकरण से होंगे वंचित
अमेरिकी सहायता बंद होने से अगले पांच वर्षों में 75 मिलियन बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित हो जाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप 1.2 मिलियन बच्चों की मृत्यु हो सकती है. गावी की कार्यकारी अधिकारी डॉ. सानिया निश्तार ने कहा कि यह निर्णय न केवल विकासशील देशों के लिए बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी खतरा है.
ट्रंप के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू
सिएरा लियोन के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ऑस्टिन डेम्बी ने इस फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह सिर्फ नौकरशाही वाला फैसला नहीं है बल्कि इससे बच्चों की जान जोखिम में पड़ जाएगी. उन्होंने कहा कि गावी के बिना उनका देश चेचक जैसी बीमारियों के लिए आवश्यक टीके की आपूर्ति नहीं कर पाएगा. उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया.
कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहा ये मामला
अमेरिकी विदेश विभाग ने इस निर्णय की पुष्टि करते कहा कि प्रत्येक सहायता अनुदान की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की गई और जहां यह प्रशासन की नीतियों और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप नहीं पाया गया, उसे समाप्त कर दिया गया. कई स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए वित्तपोषण अमेरिकी कांग्रेस द्वारा अनुमोदित होता है, इसलिए यह कानूनी रूप से स्पष्ट नहीं है कि प्रशासन के पास उन्हें रोकने का अधिकार है या नहीं. यह मुद्दा अब कई कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहा है.
बचाई गई कई बच्चों की जान
अब तक 19 मिलियन बच्चों की जान बचाने वाली संस्था गावी को अमेरिका के इस फैसले के कारण बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है. अमेरिका संगठन के बजट का 13% योगदान देता है और COVID-19 महामारी के दौरान सबसे बड़ा दानकर्ता बन गया. यूरोपीय देश और जापान जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं पहले से ही आर्थिक दबाव में हैं, जिसके कारण उन्हें अपनी विदेशी सहायता में कटौती करने पर मजबूर होना पड़ा है. ऐसी स्थिति में गावी को अपना परिचालन जारी रखने के लिए नए वित्तीय स्रोतों की तलाश करनी होगी.