पीएम मोदी के रास्ते चल पड़े ट्रंप? इस फैसले से दिखाई झलक

Trump following PM Modi's path: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी नामक एक नया मंत्रालय बनाया है जिसका उद्देश्य अमेरिकी सरकार को चुस्त-दुरुस्त बनाना है. यह मोदी सरकार के सुशासन के प्रयासों से मिलता-जुलता है. इस मंत्रालय का लक्ष्य सरकारी खर्चों में कमी, अनावश्यक कानूनों को समाप्त करना है. ट्रंप इसे मैनहट्टन प्रोजेक्ट भी कहते हैं.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

Trump following PM Modi's path: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले साल जनवरी में सत्ता संभालेंगे.राष्ट्रपति बनने से पहले वह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए अपनी टीम तैयार कर रहे हैं.उन्होंने एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को अपनी टीम में शामिल किया है और इन्हें एक नए मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है. इस मंत्रालय का नाम डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) है, जो एक बिल्कुल नया मंत्रालय है.

इस मंत्रालय का उद्देश्य अगले दो साल में अमेरिकी सरकार को और अधिक प्रभावी बनाना है.इसका मुख्य काम है सरकार की नौकरशाही को कम करना, सरकारी खर्चों में कटौती करना, अनावश्यक कानूनों को खत्म करना और सरकारी एजेंसियों का पुनर्गठन करना. इसके अलावा, सरकार का आकार छोटा और असरदार बनाने पर भी काम किया जाएगा.यह मंत्रालय अमेरिका की स्वतंत्रता के 250 वर्ष पूरे होने तक, यानी 4 जुलाई 2026 तक काम करेगा.ट्रंप इसे अपनी बड़ी परियोजना मानते हैं, जिसे वे मैनहट्टन प्रोजेक्ट के नाम से भी पुकारते हैं.

भारत में भी उठाए गए हैं ऐसे कदम

भारत में भी कुछ ऐसे कदम उठाए गए हैं जो ट्रंप के इस मंत्रालय के उद्देश्य से मिलते-जुलते हैं.भारत में इस तरह का कोई विशेष मंत्रालय नहीं है, लेकिन पिछले 10 वर्षों में सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जैसे अनावश्यक कानूनों को खत्म करना, नियमों को सरल बनाना, और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस (व्यवसाय शुरू करने में आसानी) को बढ़ावा देना. इसके अलावा, सरकारी कामकाज को कम करने, मंत्रालयों में तालमेल बढ़ाने और पेशेवर लोगों की भर्तियां करने पर भी जोर दिया गया.

मैनहट्टन प्रोजेक्ट क्या था?

मैनहट्टन प्रोजेक्ट द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक अमेरिकी कार्यक्रम था, जिसके तहत परमाणु बम बनाने की कोशिश की गई थी.यह प्रोजेक्ट अमेरिका के नेतृत्व में ब्रिटेन और कनाडा के सहयोग से शुरू हुआ था.इसमें जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर समेत दुनिया के कई बड़े वैज्ञानिक शामिल थे, जैसे अल्बर्ट आइंस्टीन, एनरिको फर्मी और नील्स बोहर.इसी प्रोजेक्ट के तहत दो परमाणु बम बनाए गए, जो अगस्त 1945 में जापान के शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए थे, जिससे हजारों लोग मारे गए थे.

ट्रंप के नए मंत्रालय का काम क्या होगा?

इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व अमेरिकी सेना के मेजर जनरल लेस्ली ग्रोव्स ने किया, जबकि ओपेनहाइमर ने बमों का डिजाइन तैयार किया.इस परियोजना का नाम मैनहट्टन प्रोजेक्ट इसलिए पड़ा क्योंकि इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क के मैनहट्टन जिले में था.इस परियोजना ने करीब 130,000 लोगों को रोजगार दिया था और इसकी लागत उस समय लगभग 2 बिलियन डॉलर थी.

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14 November 2024, 11:48 AM IST

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