ट्रंप ने जेलेंस्की को दिया बड़ा झटका, यूक्रेन को मिलने वाली अमेरिकी मदद पर रोक, इजरायल और मिस्र पर क्यों हुए मेहरबान?
सत्ता में आने के बाद ट्रंप एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं. उन्होंने कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है. इसी कड़ी में उन्होंने यूक्रेन को दी जाने वाली मदद को भी रोकने का ऐलान किया है. ट्रंप का ये फैसला यूक्रेन के लिए तगड़ा झटका है.

दूसरी बार राष्ट्रपति पद संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं. अब उन्होंने यूक्रेन को दी जाने वाली मदद रोकने का ऐलान किया है. ट्रंप का यह फैसला यूक्रेन के राष्ट्रपति के लिए बड़ा झटका है. क्योंकि इससे पहले बाइडेन सरकार रूस से युद्ध में यूक्रेन को मदद पहुंचा रही थी, जिसमें अरबों डॉलर के हथियार भी शामिल हैं.
अमेरिका के विदेश विभाग ने शुक्रवार को लगभग सभी विदेशी वित्तपोषण पर रोक लगा दी है और अपवाद के तौर पर सिर्फ मानवीय खाद्य कार्यक्रमों और इजरायल और मिस्र को मदद जारी रखी जाएगी. इसके साथ ही अमेरिका दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, नौकरी प्रशिक्षण की जो भी मदद देता है, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लग जाएगी.
यूक्रेन को बड़ा झटका
इस आदेश से डेवलपमेंट से लेकर मिलिट्री सहायत तक काफी कुछ प्रभावित होने की उम्मीद है. जो बाइडेन के कार्यकाल में रूस का सामना करने के लिए यूक्रेन को अरबों डॉलर के हथियार मिले थे. अमेरिकी मदद की वजह से यूक्रेन इनतें दिनों तक युद्ध में डटा रहा. अमेरिका ने 2023 में यूक्रेन को 64 बिलियन डॉलर से अधिक की मदद दी थी. पिछले साल कितनी की मदद दी गई, रिपोर्ट में इसकी जानकारी नहीं दी है.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि सभी सहायता कार्यक्रम अमेरिका के हित में नहीं हैं. इस संबंध में सभी अमेरिकी दूतावास को यह आदेश जारी कर दिया गया है. जिसमें बताया गया है कि नई सरकार वैश्विक आर्थिक सहायता के मद में कोई खर्च नहीं करेगी और दूतावास के पास ही जो फंड बचा है, उसके खत्म होने तक वे सहायता कार्यक्रम चला सकते हैं.
ट्रंप के फैसले से खलबली
ट्रंप के अमेरिका की कमान संभालते ही पूरी दुनिया में खलबली मची हुई है. ट्रंप एक के बाद एक जो फैसले ले रहे हैं, इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता दिख रहा है. उनके कड़े और बड़े फैसले को लेकर पूरी दुनिया हैरान है.
अमेरिकी विदेश विभाग करेगा समीक्षा
अमेरिकी विदेश विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि कौन सी अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जा सकता. इस आदेश से मानवीय सहायता से जुड़े अधिकारियों को काफी निराशा हुई, क्योंकि अमेरिका के इस फैसले से दुनियाभर में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नई फंडिंग पर भी रोक लग गई है.
दूतावासों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि फंडिंग रोकने का फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि फंडिंग प्रभावी हो और राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप हो. तीन महीने के भीतर विदेश विभाग की समीक्षा पूरी होने की उम्मीद है और इसके बाद राष्ट्रपति से सिफारिशें करने के लिए कि कौन सी विदेशी सहायता जारी रखी जाए और कौन सी बंद कर दी जाएं, इस संबंध में विदेश विभाग एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे विदेश मंत्री मार्को रूबियो, राष्ट्रपति ट्रंप के सामने पेश करेंगे.
पुतिन को दिया अल्टीमेटम
हाल ही में ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अल्टीमेटम दिया था. उन्होंने कहा था कि यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए समझौता करें वरना इसकी भारी कीमत चुकाने के लिए तैयार रहें. ट्रंप ने दो टूक कहा कि अगर पुतिन युद्ध समाप्त करने से इनकार करते हैं तो रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा था कि वह यूक्रेन के साथ युद्ध को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलना चाहते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया था कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की युद्ध खत्म करने के लिए समझौते के लिए तैयार हैं.
सत्ता संभालते ही कई बदलाव
अमेरिका की सत्ता संभालते ही ट्रंप ने देश से लेकर विदेश तक अमेरिकी नीतियों में बदलाव की बात कही है. इसमें अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने, बच्चों की नागरिकता खत्म करने जैसे कई फैसले शामिल हैं. उन्होंने 20 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. उन्होंने कुछ ही घंटों में जो बाइडेन के कई फैसलों एक झटके में पलट दिया.