Greenland-Trump: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ग्रीनलैंड खरीदने का विचार एक बार फिर चर्चा में है. उनके इस कदम को लेकर वैश्विक राजनीति में गहन बहस छिड़ी हुई है. ट्रंप ने ग्रीनलैंड को रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए इसे अमेरिका का हिस्सा बनाने की इच्छा जताई थी. लेकिन इस द्वीप का स्वामित्व डेनमार्क के पास है, जिसने इसे बेचने से साफ इनकार कर दिया था. ग्रीनलैंड का इतिहास और स्वामित्व विवाद इसे एक दिलचस्प विषय बनाता है. क्या ग्रीनलैंड पर अमेरिका का दावा जायज है? और ट्रंप इस द्वीप को खरीदने के लिए इतने उत्सुक क्यों हैं? इस पर विस्तार से चर्चा करना आवश्यक है.
ग्रीनलैंड का स्वामित्व ऐतिहासिक रूप से कई देशों के पास रहा है. 18वीं सदी में यह डैनो-नॉर्वेजियन क्षेत्र का हिस्सा था. 1814 में डेनमार्क और नॉर्वे के विभाजन के बाद ग्रीनलैंड डेनमार्क को सौंप दिया गया. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जब नाजी जर्मनी ने डेनमार्क पर कब्जा कर लिया, तो अमेरिका ने ग्रीनलैंड पर अस्थायी नियंत्रण कर लिया. 1945 में युद्ध के बाद, अमेरिका ने ग्रीनलैंड डेनमार्क को वापस कर दिया. 1953 में इसे डेनमार्क का आधिकारिक हिस्सा बनाया गया. हालांकि, ग्रीनलैंड को 1979 में 'होम रूल' दिया गया, लेकिन विदेश नीति और सुरक्षा पर अभी भी डेनमार्क का नियंत्रण है.
ग्रीनलैंड की स्वायत्तता के बावजूद, वहां के लोग डेनमार्क से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं. 1960 और 1970 के दशक में डेनमार्क की नीतियों के कारण ग्रीनलैंड में असंतोष बढ़ा. अमेरिकी सैन्य अड्डे और परमाणु हथियारों के भंडारण जैसे मुद्दों ने इस असंतोष को और बढ़ावा दिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को "बड़ा रियल एस्टेट सौदा" बताते हुए इसे खरीदने की अपनी मंशा स्पष्ट की थी. उनका मानना है कि ग्रीनलैंड के प्राकृतिक संसाधन, जैसे तेल, गैस और दुर्लभ पृथ्वी सामग्री, अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से फायदेमंद हो सकते हैं.
ग्रीनलैंड में चीन की बढ़ती गतिविधियों ने अमेरिका को चिंतित कर दिया है. बीजिंग दुर्लभ पृथ्वी सामग्रियों के वैश्विक निर्यात पर अपना नियंत्रण मजबूत कर रहा है. ट्रंप का मानना है कि ग्रीनलैंड पर कब्जा करके अमेरिका चीन की बढ़ती ताकत को संतुलित कर सकता है.
डेनमार्क ने साफ तौर पर कहा है कि ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है. इसके बावजूद, ट्रंप ने ग्रीनलैंड पर सैन्य कार्रवाई तक की धमकी दी है. लेकिन ग्रीनलैंड के लोग और डेनमार्क इस मुद्दे पर अमेरिका से सीधे बातचीत के पक्ष में नहीं हैं. First Updated : Friday, 10 January 2025