टैरिफ के जंग में ट्रंप का बड़ा यू-टर्न, चीन ने कहा – 'बाघ की गर्दन की घंटी वही खोलेगा जिसने बांधी है'!

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ पर अपना रुख बदलते हुए चीन को कोई छूट नहीं देने का ऐलान किया है. इस पर चीन ने तंज कसते हुए कहा, 'बाघ की गर्दन की घंटी वही खोलेगा जिसने उसे बांधा है.' अब चीन से आयातित इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर 20% टैरिफ बरकरार रहेगा और अगले दो महीनों में नए शुल्क भी लागू किए जाएंगे. क्या इस फैसले से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और बढ़ेगा? जानिए पूरी कहानी में!

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Edited By: Aprajita

Trump's Major U-Turn on Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ से जुड़े मामले पर एक बार फिर यू-टर्न लिया है. उनके इस बदलाव ने दुनिया भर में खलबली मचाई है. व्हाइट हाउस की तरफ से दिए गए बयान में ट्रंप ने स्पष्ट किया कि चीन को किसी भी तरह की छूट नहीं दी गई है और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर 20 फीसदी टैरिफ लागू रहेगा.

इसके अलावा, ट्रंप ने यह भी कहा कि जल्द ही इन उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की जाएगी. इस पर चीन का जवाब भी सामने आया और उसने वाणिज्य मंत्रालय के जरिए कहा कि 'बाघ की गर्दन पर बंधी घंटी वही खोलेगा जिसने उसे बांधा है.'

ट्रंप का नया रुख

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा कि "हमने किसी भी देश को हमारे खिलाफ व्यापार असंतुलन या टैरिफ के मामलों में कोई छूट नहीं दी है. खासकर चीन को नहीं, जो अब तक हमारे साथ सबसे खराब व्यवहार कर रहा था." इससे पहले अमेरिकी सीमा शुल्क और सुरक्षा विभाग ने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स पर छूट देने का ऐलान किया था, लेकिन ट्रंप ने इसे नकारते हुए कहा कि इस पर कोई छूट नहीं दी गई है.

उन्होंने यह भी कहा कि आगामी राष्ट्रीय सुरक्षा टैरिफ जांच में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स की आपूर्ति श्रृंखला पर निगरानी रखी जाएगी. ट्रंप ने यह भी साफ किया कि ये उत्पाद अभी भी 20 फीसदी फेंटेनाइल टैरिफ के तहत होंगे.

इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर अलग टैरिफ

व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन मिलर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद चीन से आए हुए 20 फीसदी टैरिफ के अधीन रहेंगे. इसके साथ ही, वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने बताया कि अगले दो महीनों के भीतर चीन से आने वाले तकनीकी उत्पादों पर अलग से नए शुल्क लगाए जाएंगे. इसमें सेमीकंडक्टर और अन्य महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं. इस बदलाव से कंपनियों जैसे एप्पल और डेल को बड़ी राहत मिली है, जो चीन से आयातित उपकरणों पर निर्भर हैं. इन कंपनियों के लिए यह फैसला एक बड़ी राहत का संकेत है, लेकिन इसका असर चीन के साथ व्यापार संबंधों पर आने वाले समय में देखने को मिल सकता है.

चीन का कड़ा जवाब

चीन ने भी इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'बाघ की गर्दन पर बंधी घंटी वही खोलेगा जिसने इसे बांधा है.' इसका मतलब यह था कि जो समस्या अमेरिका ने शुरू की थी, वही इसका समाधान भी करेगा. चीन ने अमेरिका के इस फैसले को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए संकेत दिया है कि यह फैसला दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध को और भी बढ़ा सकता है. ट्रंप का यह यू-टर्न अमेरिकी और चीनी व्यापार संबंधों में नई अनिश्चितता लेकर आया है. दोनों देशों के बीच व्यापार पर फिर से नई जंग शुरू हो सकती है और अमेरिकी कंपनियों के लिए यह एक नई चुनौती हो सकती है.

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14 April 2025, 09:33 AM IST

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