ट्रंप की ट्रेड वॉर रणनीति में नया मोड़, हाई-टेक प्रोडक्ट्स पर बढ़ेगा आयात शुल्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेमीकंडक्टर और फार्मा उत्पादों पर टैरिफ लगाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, वहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर को अस्थायी राहत देने की संभावना जताई है. ट्रंप प्रशासन ने इन उत्पादों के आयात से जुड़े राष्ट्रीय सुरक्षा पहलुओं की जांच शुरू की है. सेमीकंडक्टर जैसे हाई-टेक प्रोडक्ट्स पहले टैरिफ से छूट में थे, लेकिन अब उन पर भी शुल्क लगाया जा सकता है. इस फैसले से वैश्विक व्यापार और वित्तीय बाजारों में हलचल मच सकती है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेमीकंडक्टर और दवाओं पर टैरिफ लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. वहीं, उन्होंने ऑटोमोबाइल सेक्टर को अस्थायी राहत देने की बात भी कही है. यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब अमेरिका पहले ही कई देशों के साथ व्यापारिक तनाव झेल रहा है और चीन के साथ ट्रेड वॉर चरम पर है.
सोमवार को ट्रंप प्रशासन ने इन उत्पादों के आयात से जुड़े राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावों की जांच शुरू की, जिसमें सेमीकंडक्टर, चिप बनाने वाले उपकरण और दवाओं की सामग्री शामिल हैं. इससे यह संकेत मिल रहा है कि आने वाले दिनों में वैश्विक व्यापार में एक और बड़ा भूचाल आ सकता है.
सेमीकंडक्टर-फार्मा प्रोडक्ट्स पर टैरिफ की तैयारी
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वे सेमीकंडक्टर पर नए टैरिफ की घोषणा कुछ ही दिनों में करेंगे. इससे पहले 2 अप्रैल को घोषित "रिसिप्रोकल" टैरिफ्स में इन हाई-टेक प्रोडक्ट्स को छूट दी गई थी. अब इन उत्पादों की दोबारा जांच शुरू होने से साफ हो गया है कि प्रशासन इन्हें भी टैरिफ के दायरे में लाने की योजना बना रहा है. सेक्शन 232 के तहत की जा रही यह जांच, ट्रंप प्रशासन की पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जिसे पहले स्टील, एल्युमिनियम, लंबर और कॉपर जैसे उत्पादों पर भी लागू किया गया था.
घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की मुहिम
सेमीकंडक्टर आज के आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स का अहम हिस्सा हैं, और अमेरिका काफी हद तक एशियाई देशों, खासकर ताइवान से इनका आयात करता है. ट्रंप और उनके पूर्ववर्ती जो बाइडेन, दोनों ही इन चिप्स का घरेलू उत्पादन बढ़ाने की वकालत कर चुके हैं. व्हाइट हाउस ने सोमवार को एनविडिया द्वारा अमेरिका में पहली बार अपने एआई सुपर कंप्यूटर्स के लिए $500 बिलियन तक का निवेश करने की घोषणा को ट्रम्प की ट्रेड पॉलिसी की बड़ी जीत बताया.
व्यापारिक बाजारों में चिंता
सेमीकंडक्टर और फार्मा उत्पादों पर संभावित टैरिफ ने वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ा दी है. कुछ ही दिन पहले ट्रंप ने अपने “रिसिप्रोकल” टैरिफ्स पर 90 दिन का विराम देने का ऐलान किया था, लेकिन उसके बाद चीन से आयात पर ड्यूटी को 145% तक बढ़ा दिया गया. इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 125% टैरिफ लगा दिया और चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने कदम पीछे नहीं खींचे, तो वे “आखिरी दम तक लड़ेंगे.
ऑटो सेक्टर को मिल सकती है राहत
हालांकि इस सख्ती के बीच ट्रंप ने ऑटोमोबाइल सेक्टर को राहत देने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा, “मैं कुछ ऑटो कंपनियों की मदद करने पर विचार कर रहा हूं, जो अब कनाडा, मैक्सिको और अन्य देशों से पुर्जे मंगा रही हैं, लेकिन जल्द ही वे उन्हें अमेरिका में ही बनाना शुरू कर देंगी. उन्हें थोड़ा समय चाहिए.” उन्होंने आगे कहा, “मैं बहुत लचीला व्यक्ति हूं. मैं अपना फैसला नहीं बदलता, लेकिन लचीलापन जरूरी होता है.”
मार्केट में दिखा पॉजिटिव रिएक्शन
ट्रेड टैरिफ को लेकर ट्रंप के इन बयानों के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में सोमवार को तेजी देखी गई. S&P500 इंडेक्स में 0.79% और टेक-हैवी Nasdaq Composite में 0.64% की बढ़त दर्ज की गई. वहीं, मंगलवार सुबह एशियाई बाजारों में भी सकारात्मक रुझान देखा गया. जापान का Nikkei 225 इंडेक्स 1.16% और साउथ कोरिया का KOSPI 0.67% ऊपर था.
दस देशों से "अद्भुत" ऑफर मिलने का दावा
ट्रंप के प्रमुख आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने सोमवार को Fox Business को बताया कि अमेरिका अपने व्यापारिक साझेदारों से "अभूतपूर्व" प्रगति कर रहा है और 10 से अधिक देशों से "शानदार ऑफर" मिले हैं. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये देश कौन-कौन हैं.