ट्रंप के नए ऑर्डर ने बढ़ाई भारतीयों में बेचैनी, अब अमेरिका में जन्म लेने से नहीं मिलेगी नागरिकता
Trump citizenship order: डोनाल्ड ट्रंप ने नया आदेश जारी किया, जिसके तहत अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता का स्वचालित अधिकार नहीं मिलेगा. यह आदेश एच-1बी वीजा धारकों और अस्थायी वीजा पर रह रहे प्रवासियों को प्रभावित करेगा. आदेश चौदहवें संशोधन की व्याख्या पर आधारित है. ACLU ने इसे असंवैधानिक बताया और अदालत में चुनौती दी है.

Trump citizenship order: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता का स्वचालित अधिकार नहीं मिलेगा, जब तक उनके माता-पिता में से कोई एक अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक नहीं होगा. यह कदम अमेरिका में जन्मे बच्चों को दी जाने वाली नागरिकता के लंबे समय से चली आ रही अधिकारों में परिवर्तन करेगा. ट्रंप के इस आदेश से उन लाखों भारतीयों के लिए चिंता बढ़ गई है, जो अस्थायी वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं, खासकर एच-1बी वीजा धारक, जिनके लिए यह बदलाव सीधा प्रभाव डालने वाला है.
यह निर्णय 20 फरवरी से लागू होने वाला है, जिसका मतलब है कि अगले महीने से अमेरिका में जन्मे बच्चे अपने माता-पिता की नागरिकता के बिना अमेरिकी नागरिकता नहीं प्राप्त कर सकेंगे. अमेरिकी संविधान के चौदहवें संशोधन के तहत, अब तक अमेरिका में जन्म लेने वाले सभी बच्चों को अमेरिकी नागरिकता मिलती रही है. ट्रंप ने इसे एक नए दृष्टिकोण से व्याख्यायित किया है, जिससे यह फैसला विवादों का कारण बन गया है.
ट्रंप का नया ऑर्डर
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश में दावा किया कि संविधान की व्याख्या कभी भी अमेरिका में जन्मे सभी लोगों को नागरिकता देने के लिए नहीं की गई थी. उन्होंने इस फैसले को चौदहवें संशोधन की नई व्याख्या के आधार पर लिया, जिसमें कहा गया था कि "संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे सभी व्यक्ति और उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन लोग अमेरिकी नागरिक होंगे." ट्रंप का तर्क है कि अगर कोई व्यक्ति अमेरिका में जन्मा है लेकिन अमेरिकी अधिकार क्षेत्र के अधीन नहीं है, तो उसे नागरिकता का अधिकार नहीं मिलेगा.
अस्थायी वीजा धारकों पर प्रभाव
यह आदेश मुख्य रूप से उन लोगों पर असर डालेगा, जो अमेरिका में अस्थायी वीजा पर रह रहे हैं. इसमें एच-1बी वीजा, एल1 वीजा, आश्रित वीजा (एच4), एफ1 (अध्यान वीजा), जे1 (शैक्षणिक आगंतुक वीजा) और बी1/बी2 (व्यापार/पर्यटक वीजा) पर आने वाले भारतीयों के बच्चों को प्रभावित करेगा. ट्रंप के इस फैसले से लाखों भारतीय नागरिक, जिनके बच्चे अमेरिका में पैदा होते हैं, अब नागरिकता का अधिकार नहीं पा सकेंगे.
कानूनी चुनौती
ट्रंप के आदेश के बाद, इस फैसले को न्यू हैम्पशायर और मैसाचुसेट्स की अदालतों में चुनौती दी गई है. इन अदालतों में यह मामला जल्द ही सुनवाई के लिए जाएगा, और अगर अदालतें इस पर रोक लगाती हैं, तो यह आदेश प्रभावी नहीं होगा. हालांकि, इस फैसले को लेकर कई कानूनी विशेषज्ञ और नागरिक अधिकार संगठनों ने विरोध जताया है. अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने इस आदेश को असंवैधानिक बताते हुए कहा है कि यह अमेरिकी संविधान के चौदहवें संशोधन के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है.
भारतीय समुदाय की चिंता
भारत में रहने वाले लोगों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए यह नया आदेश एक बड़ी चिंता का कारण बन गया है. कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के मिलन वैष्णव के अनुसार, "यह कार्यकारी आदेश चौदहवें संशोधन की एक नाटकीय पुनर्व्याख्या है, जो अमेरिका में अस्थायी वीजा पर रहने वाले भारतीय परिवारों के लिए एक बड़ी चुनौती है." ट्रंप का यह कदम भारतीय प्रवासियों को प्रभावित करेगा, खासकर उन परिवारों को जिनके पास स्थायी निवास के लिए लंबी कतार है.
ACLU का विरोध
अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने इस आदेश को संविधान के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए इसे चुनौती दी है. एसीएलयू का कहना है, "यह आदेश नस्लवाद और भेदभाव को बढ़ावा देगा और यह असंवैधानिक है." एसीएलयू ने यह भी चेतावनी दी है कि यह आदेश अमेरिका में अप्रवासी माता-पिता से जन्मे बच्चों को उनके मूल अधिकारों से वंचित कर देगा, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, वोट देने का अधिकार आदि.