ट्रंप की टैरिफ तलवार से कांप उठे बाजार, वॉल स्ट्रीट में 2020 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट
डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है. अमेरिका की प्रमुख शेयर बाजारों में 2020 की कोविड मंदी के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के 2 ट्रिलियन डॉलर डूब गए. S&P 500, Nasdaq और Dow Jones में जबरदस्त गिरावट आई, वहीं वैश्विक बाजारों में भी भारी नुकसान देखा गया. विशेषज्ञ मंदी और बढ़ती महंगाई की चेतावनी दे रहे हैं.

डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ योजना ने गुरुवार को ग्लोबल मार्केट में हलचल मचा दी. वॉल स्ट्रीट में 2020 की कोविड महामारी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली. निवेशकों और विश्लेषकों को डर है कि यह टैरिफ नीति वैश्विक आर्थिक विकास को धीमा कर सकती है, महंगाई को बढ़ा सकती है और अमेरिका समेत अन्य देशों को मंदी की ओर धकेल सकती है.
S&P 500 इंडेक्स में 4.8% की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जबकि डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 1,679 अंक यानी 4% टूटा. टेक्नोलॉजी आधारित नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स 6% गिरा. इस गिरावट से निवेशकों के लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर (करीब 167 लाख करोड़ रुपये) के निवेश का मूल्य एक दिन में मिट्टी में मिल गया.
हर तरफ नुकसान
ट्रंप के टैरिफ एलान के बाद कच्चे तेल, अमेरिकी डॉलर और यहां तक कि हाल ही में रिकॉर्ड पर पहुंचा सोना तक नीचे लुढ़क गया. छोटी अमेरिकी कंपनियों पर इसका सबसे गहरा असर पड़ा. Russell 2000 इंडेक्स 6.6% गिर गया, जो अपने उच्चतम स्तर से अब 20% नीचे है.
'टैरिफ बढ़ने की आशंका से चौंका देने वाला मामला'
निवेशकों को पहले से अंदेशा था कि ट्रंप टैरिफ का एलान करेंगे, लेकिन जैसा कदम उठाया गया, वह “सबसे बुरे टैरिफ की स्थिति” के रूप में देखा जा रहा है. Sanctuary Wealth की चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर मैरी एन बार्टेल्स ने इसे चौंकाने वाला बताया. ट्रंप ने सभी आयातों पर कम से कम 10% का टैक्स लगाया है, जबकि चीन और यूरोपीय यूनियन जैसे देशों के उत्पादों पर इससे कहीं अधिक टैरिफ लगाया गया है. UBS के अनुसार, इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 2 प्रतिशत अंक तक गिर सकती है और महंगाई दर 5% के करीब पहुंच सकती है.
मंदी के संकेत लेकिन ट्रंप खुश
UBS के रणनीतिकारों के अनुसार, “इतना बड़ा झटका किसी भी तर्कसंगत सोच को यह मानने पर मजबूर कर देता है कि ये टैरिफ टिकने वाले नहीं हैं.” फिर भी, ट्रंप ने इन कदमों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया. व्हाइट हाउस से फ्लोरिडा रवाना होते समय उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है. यह ऑपरेशन की तरह है, जैसे मरीज की बड़ी सर्जरी होती है और सबको पता होता है कि यह बड़ा काम है.”
फेडरल रिजर्व के पास विकल्प सीमित
अब निवेशकों की नजर फेडरल रिजर्व पर है. ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है, जिससे उधारी सस्ती हो सकती है और बाजार को सहारा मिल सकता है. लेकिन ब्याज दर घटाने से महंगाई और भी बढ़ सकती है, जो पहले से ही टैरिफ के चलते चिंता का विषय बनी हुई है. 10 साल के ट्रेजरी बॉन्ड पर रिटर्न गिरकर 4.04% रह गया, जो जनवरी में करीब 4.80% था. यह बॉन्ड मार्केट के लिए बड़ी हलचल मानी जा रही है.
आंकड़े मिलेजुले लेकिन बाजार में डर हावी
हालांकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिलहाल बढ़ रही है. पिछले हफ्ते बेरोजगारी भत्ते के लिए कम लोगों ने आवेदन किया, जो सकारात्मक संकेत है. लेकिन सर्विस सेक्टर की ग्रोथ उम्मीद से कम रही, जिससे बाजार का मूड और बिगड़ा.
S&P 500 में शामिल 80% कंपनियों के शेयर गिरे.
1. बेस्ट बाय के शेयरों में 17.8% की भारी गिरावट देखी गई, क्योंकि इसके द्वारा बेचे जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में तैयार होते हैं, और टैरिफ का असर इसकी सप्लाई चेन पर सीधा पड़ा.
2. यूनाइटेड एयरलाइंस के शेयर 15.6% लुढ़क गए, क्योंकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में यात्रियों में हिचकिचाहट बढ़ सकती है. चाहे वो बिजनेस ट्रैवल हो या छुट्टियों के लिए की जाने वाली यात्राएं.
3. टारगेट को भी 10.9% की गिरावट का सामना करना पड़ा, क्योंकि पहले से ही महंगाई से जूझ रहे ग्राहक अब टैरिफ के चलते और ज्यादा आर्थिक दबाव महसूस कर सकते हैं, जिससे उनकी खरीदारी पर असर पड़ने की आशंका है.
वैश्विक बाजार भी धराशायी
- कुल मिलाकर, एसएंडपी 500 में गिरावट आई.
- 274.45 अंक गिरकर 5,396.52 पर आ गया.
- डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,679.39 अंक गिरकर 40,545.93 पर आ गया.
- नैस्डैक कंपोजिट 1,050.44 अंक गिरकर 16,550.61 पर आ गया है.
अन्य देशों के बाजार भी प्रभावित हुए
- फ्रांस के CAC 40 में 3.3% की गिरावट आई .
- यूरोप में जर्मनी के DAX में 3% की गिरावट आई.
- जापान का निक्केई 225 2.8% तक गिरावट देखी गई है.
- हांगकांग का हैंगसेंग में1.5% गिरावट दर्ज की गई है.
- दक्षिण कोरिया का कोस्पी में 0.8% गिरावट आई .