Turkey: एर्दोगन ने तीसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली, विनाशकारी भूकंप के बावजूद सत्ता में की शानदार वापसी
इस्लामिक देश तुर्की में रेसेप तैयप एर्दोगन फिर से राष्ट्रपति बन गए है। उन्होंने 28 मई को विपक्षी गठबंधन के खिलाफ रन-ऑफ चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। देश में आए विशानकारी भूकंप के बावजूद जनता ने एर्दोगन को फिर से सत्ता में बैठाया है।
इस्लामिक देश तुर्की में 28 मई को हुए राष्ट्रपति चुनाव में रेसेप तैयप एर्दोगन ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। उन्होंने शनिवार को तुर्की के 12वें राष्ट्रपति पद के रूप में शपथ ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रन-ऑफ चुनाव में जीत हासिल करने के बाद राष्ट्रपति एर्दोगन कार्यकाल पांच साल के लिए और बढ़ गया है। बता दें कि तुर्की में पिछले महीने 28 मई को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। जिसमें एर्दोगन ने अपनी चिर प्रतिद्वंदी मजबूत गठबंधन केलिकदारोग्लू को हराया था।
संसद में 69 वर्षीय एर्दोगन ने कहा कि "मैं राष्ट्रपति के रूप में देश के अस्तित्व और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए महान तुर्की राष्ट्र और इतिहास के समक्ष अपने सम्मान और अखंडता की शपथ लेता हूं। हम सभी 85 मिलियन लोगों को उनके राजनीतिक विचारों, मूल या संप्रदाय की परवाह किए बिना गले लगाएंगे।"
अब राष्ट्रपति बनने के बाद एर्दोगन पर देश के आर्थिक संकट के प्रबंधन से निपटने की जिम्मेदारी होगी। बता दें कि तुर्की इस समय महंगाई और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के बावजूद देश की जनता ने एर्दोगन पर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से सत्ता पर बैठाया है। ऐसे में उनके उपर देश के आर्थिक संकट से निपटने की चुनौती होगी। एर्दोगन ने शनिवार को नई सरकार का खुलासा करते हुए पूर्व बैंकर और अर्थव्यवस्था के पिछले प्रमुख मेहमत सिमसेक को वित्त और राजकोष का मंत्री बनाया।
50000 से अधिक लोगों की मौत
एर्दोगन ने मजबूत विपक्षी गठबंधन केमल किलिकडारोग्लू के खिलाफ रन-ऑफ चुनाव जीता है।चुनाव में एर्दोगन को 52.2 प्रतिशत वोट मिले, जबकि केमल किलिकडारोग्लू को 47.8 प्रतिशत वोट हासिल किए है। ज्ञात हो कि तुर्की में इसी साल फरवरी में विनाशकारी भूकंप की वजह से 50,000 से अधिक लोगों जान चली गई थी। जबकि हजारों लोग इसमें घायल हुए थे। इस भीषण भूकंप के कारण देश अर्थिक संकट का सामना कर रहा है। बावजूद इसके तुर्की की जनता ने एक बार फिर से एर्दोगन पर भरोसा जताया है।