Turkey-India: कनाडा के बाद तुर्की ने बदले तेवर, UN में एक बार फिर अलापा कश्मीर का राग
भारत ने पहले भी कई बार तुर्की को साफ कहा है कि यह भारत का निजी मामला है और इसपर उसे बोलने की जरूरत नहीं है.
Turkey-India: जहां एक ओर कनाडा ने भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा करना शुरू कर दिया है वहीं दूसरी तरफ तुर्की ने एकबार फिर से अपने रंग दिखा दिए हैं. भले ही G20 के समय तुर्की भारत का हिमायती दिखने का प्रयास कर रहा हो लेकिन उसने एकबार फिर से अपना असली चेहरा दिखा दिया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सेशन के दौरान अपना पुराना रंग दिखाते हुए राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थिरता और विकास के लिए कश्मीर में न्यायपूर्ण ढंग से शांति स्थापित करना जरूरी है और यह भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से ही संभव है.
बता दें कि तुर्की का यह रवैया कोई नया नहीं है. तुर्की पहले से ही पाकिस्तान के पक्ष में बयान देता आया है और उसने कई बार भारत को बातचीत के सुझाव भी दिए हैं. बता दें कि भारत ने पहले भी कई बार तुर्की को साफ कहा है कि यह भारत का निजी मामला है और इसपर उसे बोलने की जरूरत नहीं है.
बताते चलें कि यूएन में बोलते हुए एर्दोगेन ने कहा कि कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए जो भी कदम उठाए जाएंगे वह उनका समर्थन करेंगे. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यूएनएससी में भारत की भूमिका अहम है जोकि गर्व की बात है.
इसी प्रकार बीते साल भी तुर्की ने युएन जनरल असेंबली की बैठक में कहा था कि यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है और दोनों देशों को मिलकर इसे सुलझा लेना चाहिए. कश्मीर का मुद्दा सुलझाने को लेकर तुर्की सरकार कई बार वकालत कर चुकी है. भारत ने अक्सर तुर्की को इस मसले पर सटीक जवाब देते हुए कहा है कि वह हमारे आंतरिक मामलों से दूरी बनाए रखें.