इज़रायल में दो ब्रिटिश सांसदों की हिरासत, ब्रिटेन ने जताई गहरी चिंता! – क्या है पूरा मामला?

इज़रायल में दो ब्रिटिश सांसदों को हिरासत में लिया गया और उनका प्रवेश रोक दिया गया जिसे ब्रिटेन ने 'अस्वीकार्य' करार दिया. ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इस कदम पर चिंता जताते हुए इसे लेकर इज़रायल पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. क्या है पूरी घटना और इसके राजनीतिक असर? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!

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Edited By: Aprajita

British MP Detained: ब्रिटेन के दो सांसदों की इज़रायल में हिरासत और प्रवेश से इनकार करना अब एक बड़ा विवाद बन चुका है. ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इस पर गहरी चिंता जताई और इसे 'अस्वीकार्य' कदम बताया. यह घटना अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रही है क्योंकि इससे ब्रिटेन और इज़रायल के रिश्तों में तनाव बढ़ने की संभावना है. आइए जानते हैं कि क्या है पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई.

ब्रिटिश सांसदों को क्यों हिरासत में लिया गया?

लेबर पार्टी के सांसद अबतिसाम मोहम्मद और युआन यांग को इज़रायल ने अपनी धरती पर प्रवेश करने से रोक दिया. इज़रायली अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों सांसदों का इज़रायल में प्रवेश करने का उद्देश्य 'इज़रायली सुरक्षा बलों की गतिविधियों का दस्तावेजीकरण करना और इज़रायल के खिलाफ घृणा फैलाना' था. यह आरोप बहुत गंभीर हैं लेकिन इन दोनों सांसदों का दावा था कि वे ब्रिटिश संसद के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं. हालांकि जब इज़रायली अधिकारियों से इस दावे की पुष्टि की गई तो यह गलत साबित हुआ क्योंकि उन्होंने ऐसी कोई जानकारी नहीं दी.

ब्रिटेन की प्रतिक्रिया: विदेश मंत्री का कड़ा बयान

ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 'यह अस्वीकार्य और गहरी चिंता का विषय है कि दो ब्रिटिश सांसदों को हिरासत में लिया गया और इज़रायल में प्रवेश से मना कर दिया गया.' लैमी ने यह भी कहा कि ब्रिटिश सरकार गाजा में संघर्ष समाप्त करने और वहां के बंदियों को मुक्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. लैमी ने ब्रिटिश सांसदों के प्रति समर्थन का आश्वासन दिया और कहा कि इस मामले में इज़रायल से उचित व्यवहार की उम्मीद की जाती है.

इज़रायल ने क्यों लिया यह कदम?

इज़रायली आंतरिक मंत्री मोशे अर्बेल ने यह फैसला लिया कि इन दोनों सांसदों और उनके प्रतिनिधिमंडल को इज़रायल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत देश से बाहर कर दिया गया. इस कदम से ब्रिटेन और इज़रायल के रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है, जो पहले ही गाजा के संघर्ष और अन्य मुद्दों को लेकर प्रभावित हो रहे हैं.

गाजा संघर्ष पर ब्रिटेन का ध्यान और कोशिशें

ब्रिटिश सरकार का मुख्य ध्यान गाजा में जारी संघर्ष को समाप्त करने और वहां के हालात को सुधारने पर है. डेविड लैमी ने इस मुद्दे पर खास जोर दिया कि ब्रिटेन गाजा में शांति स्थापित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इस बीच, ब्रिटेन और इज़रायल के बीच यह ताजातरीन विवाद दोनों देशों के रिश्तों को और जटिल बना सकता है.

यह मामला सिर्फ दो सांसदों की हिरासत तक सीमित नहीं है बल्कि यह ब्रिटेन और इज़रायल के बीच एक बड़े कूटनीतिक विवाद का रूप ले चुका है. जहां एक ओर ब्रिटेन गाजा में शांति स्थापना की कोशिश कर रहा है, वहीं इस तरह की घटनाएं रिश्तों को और तनावपूर्ण बना सकती हैं. यह घटना इस बात का संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक कदम गलत उठाने से कितना बड़ा विवाद उत्पन्न हो सकता है.

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06 April 2025, 08:40 AM IST

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