बांग्लादेश में दो और हिंदू पुजारी गिरफ्तार, चिन्मय कृष्ण दास को देने गए थे दवा
Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदू और अल्पसंख्यकों पर लगातार होते हमले और विवादों के बीच दो और हिंदू पुजारियों के गिरफ्तार होने की खबर सामने आ रही है. मिली जानकारी के मुताबिक वो चिन्मय कृष्ण दास को दवाई देने पहुंचे थे. इस मामले ने बांग्लादेश में हिंदू और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.
Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर बढ़ते हमलों और विवादों के बीच एक और विवाद सामने आया है. अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) का दावा है कि देश में उनके दो पुजारियों को चिन्मय कृष्ण दास को दवा देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
यह घटना उस समय हुई जब कुछ दिनों पहले चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस घटना के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उठ रही हैं. इस्कॉन और अन्य संगठनों ने इस मामले में बांग्लादेश सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है.
Sri Adi Purush Shyam Das & devotee Ranganath Das Brahmachari Prabhu, are assistant servant of Chinmoy Krishna Das Prabhu, was arrested without any warrant by the police some time ago. They were arrested when they went to give food to Chinmoy Prabhu in jail. pic.twitter.com/I5vO60wtSI
— Voice Of Bangladeshi Hindus 🇧🇩 (@hindu8789) November 29, 2024
गिरफ्तार हुए दो और हिंदू पुजारी
इस्कॉन, कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने जानकारी दी कि बांग्लादेश पुलिस ने शुक्रवार को श्री आदि पुरुष श्याम दास और भक्त रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को दवा देने के लिए जेल गए थे और लौटते समय उन्हें हिरासत में ले लिया गया. राधारमण दास ने इस गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बताया.
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल
बांग्लादेश सम्मिलिता सनातन जागरण जोत ने बंगाली में एक बयान जारी कर सवाल उठाया कि अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा और मानवाधिकार कहां हैं. संगठन ने दावा किया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों, इस्कॉन केंद्रों और पूजा स्थलों पर लगातार हमले हो रहे हैं.
इस्कॉन बांग्लादेश का बयान
इस्कॉन ने स्पष्ट किया कि चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में उनका प्रतिनिधित्व नहीं करते. उन्हें इस साल सितंबर में इस्कॉन से निष्कासित कर दिया गया था. हालांकि, संगठन ने यह भी कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं.