दक्षिण पूर्व एशिया में दो शक्तिशाली भूकंप, 20 लोगों की मौत, इमारतें हिलीं, आपातकालीन बैठक बुलाई गई
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मन भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि दोपहर के भूकंप का केंद्र म्यांमार में 10 किलोमीटर की गहराई पर था. म्यांमार में एक के बाद एक दो शक्तिशाली भूकंप आए, जिससे कई पड़ोसी देशों में दहशत फैल गई. पहला भूकंप सुबह 11:50 बजे आया, जिसकी तीव्रता 7.2 थी. इसके बाद दूसरा भूकंप दोपहर 12:02 बजे आया, जिसकी तीव्रता 7 मापी गई.

दक्षिण पूर्व एशिया में शुक्रवार को दो शक्तिशाली भूकंप आए, जिससे व्यापक विनाश हुआ. थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में कई इमारतें हिल गईं. इस दौरान एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत ढह गई. बैंकॉक में ऊंची इमारतों की छतों पर बने पूलों का पानी सड़कों पर फैल गया और कई इमारतों मलबा में बदल गई. इसके साथ-साथ पड़ोसी देश म्यांमार में भी लोग दहशत में देखे गए. प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मन भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि दोपहर के भूकंप का केंद्र म्यांमार में 10 किलोमीटर की गहराई पर था.
म्यांमार में एक के बाद एक दो शक्तिशाली भूकंप आए, जिससे कई पड़ोसी देशों में दहशत फैल गई. पहला भूकंप सुबह 11:50 बजे आया, जिसकी तीव्रता 7.2 थी. इसके बाद दूसरा भूकंप दोपहर 12:02 बजे आया, जिसकी तीव्रता 7 मापी गई. भूकंप के झटके भारत, चीन और बांग्लादेश तक महसूस किये गये. पता चला है कि इस दौरान 20 लोगों की मौत हो गई है.
कई वीडियो वायरल हो गए
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार भूकंप के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल होने लगे. इसमें एक निर्माणाधीन इमारत को गिरते हुए दिखाया गया था. हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अभी तक किसी के हताहत होने की तत्काल कोई सूचना नहीं है. भूकंप दोपहर करीब 1:30 बजे आया, जिससे इमारतों में अलार्म बजने लगे और घबराए हुए लोग घनी आबादी वाले मध्य बैंकॉक में ऊंची इमारतों और होटलों की सीढ़ियों से नीचे भागने लगे. भूकंप के बाद दोपहर की चिलचिलाती गर्मी और तेज धूप में लोग सड़कों पर रहे.
भूकंप का केन्द्र मध्य म्यांमार में
प्रधानमंत्री पटोंगथर शिनावात्रा ने भूकंप के प्रभावों का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई है. ग्रेटर बैंकॉक में 17 मिलियन से ज्यादा लोग रहते हैं. यहाँ कई ऊंची इमारतें हैं. थाईलैंड के आपदा निवारण विभाग ने कहा कि भूकंप के झटके देश के लगभग सभी क्षेत्रों में महसूस किये गये. भूकंप का केन्द्र मध्य म्यांमार में, मोनयवा शहर से लगभग 50 किलोमीटर पूर्व में था. भूकंप से राजधानी नेपीता में धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा. धार्मिक इमारतों के कुछ हिस्से ज़मीन पर गिर गए और कुछ मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए. म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध के कारण वहां से क्षति की रिपोर्ट अभी तक उपलब्ध नहीं है.