संजय भंडारी को नहीं ला पाएगी भारत सरकार, UK हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की मंजूरी ठुकराई
लंदन की हाईकोर्ट ने संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार की यूके सुप्रीम कोर्ट में अपील की अनुमति संबंधी अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने तिहाड़ जेल की स्थिति और आरोपी पर लगे आरोपों के सबूतों के मानक को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लायक नहीं माना. संजय भंडारी पर भारत में टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं, लेकिन ब्रिटिश अदालत ने मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए भारत को प्रत्यर्पण नहीं सौंपा.

लंदन की हाईकोर्ट ने भारत सरकार की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें भारत ने रक्षा सौदों से जुड़े कारोबारी संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को लेकर यूके सुप्रीम कोर्ट में अपील की अनुमति मांगी थी. संजय भंडारी पर भारत में टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं, लेकिन ब्रिटिश अदालत ने मानवाधिकारों के आधार पर उसे भारत भेजने से इनकार कर दिया.
यह फैसला लॉर्ड जस्टिस टिमोथी होलरॉयड ने मंगलवार को रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में सुनाया. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत द्वारा उठाए गए दो अहम बिंदु दिल्ली की तिहाड़ जेल की स्थिति और आरोपी पर लगे सबूतों का मानक किसी भी सूरत में यूके सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई लायक नहीं हैं.
अदालत का दो टूक
अदालत ने दो मुख्य आधारों पर भारत की अर्जी को खारिज कर दिया. पहले अर्जी में आरोपी पर लगाए गए आरोपों को साबित करने का मानक था. वहीं दूसरा तिहाड़ जेल की स्थिति, जिसे भारत सरकार ने 'आश्वासन देकर हल किया जा सकता है' बताया गया था. पर अदालत ने इसे पर्याप्त नहीं माना.
मानवाधिकार उल्लंघन के आधार पर मिली राहत
फरवरी में लंदन हाईकोर्ट ने संजय भंडारी की अपील को स्वीकार करते हुए कहा था कि तिहाड़ जेल में उन्हें अन्य कैदियों और अधिकारियों से उत्पीड़न और हिंसा का खतरा है. इसके अलावा, अदालत ने यह भी माना कि भारतीय न्याय प्रक्रिया में उन्हें निष्पक्ष सुनवाई (Article 6 - Right to Fair Trial) की गारंटी नहीं मिल सकती.
प्रत्यर्पण की दो अर्जी, दोनों पर सवाल
भारत सरकार ने भंडारी के खिलाफ दो प्रत्यर्पण अनुरोध किए थे. पहला जून 2020 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप (Prevention of Money Laundering Act, 2002) के लिए अनुरोध किया था वहीं दूसरा जून 2021 में ब्लैक मनी कानून के तहत टैक्स चोरी का आरोप (Black Money Act, 2015) में किया गया था. लेकिन यूके की अदालतों ने इन दोनों मामलों में प्रत्यर्पण की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है.
कौन हैं संजय भंडारी?
संजय भंडारी एक रक्षा क्षेत्र के सलाहकार हैं, जो भारतीय सरकारी सौदों के लिए रक्षा कंपनियों को सलाह देते थे. उनकी कंपनी Offset India Solutions इस काम में सक्रिय थी. भंडारी पर आरोप है कि उन्होंने कई विदेशी सौदों में पैसा कमाने के लिए अवैध तरीके अपनाए और भारी टैक्स चोरी की.
भारत सरकार की अगली रणनीति क्या?
अब जब पहली स्टेज में ही हाईकोर्ट ने अपील की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, तो भारत सरकार को तय करना होगा कि क्या सीधे यूके सुप्रीम कोर्ट में अलग से अनुमति मांगी जाए. हालांकि इस पर फिलहाल आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.


