UN Report: बच्चों के लिए एचआईवी किसी अभिशाप से कम नहीं है. इसकी वजह से हर दिन सैकड़ों बच्चों की मौत होती है. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने एचआईवी एड्स से बच्चों की हो रही मौत को लेकर अपनी एक नई रिपोर्ट जारी की है. यूएन की 'द पाथ देट एंड्स एड्स' की रिपोर्ट में बताया गया कि एचआईवी से आय दिन औसतन 274 बच्चों की जान जा रही है. जबकि रोजाना 740 बच्चे इससे संक्रमित हो रहे हैं. इतना ही नहीं एचआईवी की वजह से साल 2022 में एक लाख से ज्यादा बच्चों की जान चली गई थी. इनमें से 73,000 बच्चे ऐसे थे, जिनकी उम्र दस साल से कम थी.
यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल एक लाख से ज्यादा बच्चों की एचआईवी से जान चली गई. जिनमें 73,000 बच्चे ऐसे थे, जिनकी उम्र दस साल से कम थी. ज्यादातर मौत बीमारी की रोकथाम, सही समय पर उपचार सेवाओं तक पहुंच की कमी से हुई थी. अगर इस बीमारी की बात करें तो साल 2022 में 2.7 लाख से ज्यादा बच्चे की गिरफ्त में आए थे. इनमें से 1.3 लाख बच्चों की उम्र पांच वर्ष या उससे कम थी.
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में 25.8 लाख बच्चे एचआईवी से पीड़ित है. इनमें से 9.3 लाख बच्चों की उम्र 10 साल से भी कम है. जबकि 16.5 लाख बच्चे और किशोर ऐसे है जिनकी उम्र 20 साल से भी कम है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल एड्स की वजह से हर एक मिनट में एक व्यक्ति की मौत हुई है. 2022 में एचआईवी एड्स की वजह से छह लाख 30 हजार लोगों ने अपनी जानें गई हैं. First Updated : Tuesday, 18 July 2023