खालिस्तानी आतंकी पन्नू मामले में US कोर्ट का समन, विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में अमेरिका की कोर्ट द्वारा भारत सरकार को भेजे गए समन पर विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जैसा कि हमने पहले कहा है, ये पूरी तरह से अनुचित और निराधार आरोप हैं. अब जब यह विशेष मामला दर्ज हो गया है, तो इससे अंतर्निहित स्थिति के बारे में हमारे विचार नहीं बदलेंगे.

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Edited By: JBT Desk

गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में अमेरिका की अदालत ने भारत सरकार और अजित डोभाल को समन भेजा है. भारत सरकार ने इस समन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, इसे पूरी तरह से अनुचित बताया गया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने न्यूयॉर्क के अमेरिकी जिला न्यायालय द्वारा जारी समन के बारे में बताया कि जब इस मुद्दे की जानकारी मिली, तो तुरंत कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा कि इस मामले में एक उच्च स्तरीय समिति काम कर रही है.

मिस्री ने पन्नू के कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि यह अनुचित मामला है. पन्नू, जो कट्टरपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख है, भारत सरकार द्वारा 2020 में आतंकवादी घोषित किया गया था. वह भारतीय नेताओं और संस्थानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और धमकियां देने के लिए जाना जाता है.

पूरा मामला क्या है?

नवंबर में, ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट किया था कि अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है. पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. जो बाइडन प्रशासन के अधिकारियों ने बाद में इस बात की पुष्टि की. 

विदेश मंत्रालय ने बताया चिंता का विषय

भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे चिंता का विषय बताया और कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू की गई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि एक भारतीय अधिकारी से जुड़े मामले पर यह चिंता का विषय है.

भारत इस मामले की जांच कर रहा

इस साल मई में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत इस मामले की जांच कर रहा है, लेकिन इससे भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अच्छे विश्वास के साथ कुछ जानकारी भारत को दी है, जिसका हमारे सिस्टम पर प्रभाव हो सकता है. भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी कहा है कि इस मामले का भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

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19 September 2024, 06:57 PM IST

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