US Election 2024: खून खराबा और होगा हिंसा का तांडव!
US Election 2024: चुनावी तनाव के बीच अमेरिका में हिंसा और अशांति की आशंका गहराती जा रही है। 5 नवंबर को हुए मतदान के बीच राजधानी वॉशिंगटन डीसी समेत देशभर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया है, और व्हाइट हाउस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। लोग आशंकित हैं कि क्या इस बार भी 2020 की तरह हिंसक घटनाएं दोहराई जाएंगी। एक हालिया सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है कि चुनाव परिणामों के बाद देश में हिंसा और गृहयुद्ध की संभावनाएं प्रबल हो सकती हैं।
US Election 2024: अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनावों को लेकर तनाव और संभावित हिंसा की आशंका बढ़ रही है। आज, 5 नवंबर, को देशभर में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान हुआ। और इसके मद्देनज़र सुरक्षा इंतजाम काफी कड़े कर दिए गए हैं। व्हाइट हाउस में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और वहां लॉकडाउन की स्थिति लागू कर दी गई है।
चुनावी नतीजों के बाद हिंसा की आशंका
2020 के चुनाव परिणामों के बाद अमेरिका में हिंसक घटनाएं देखी गई थीं। उस समय डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव नतीजों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, जिससे उनके समर्थकों ने कैपिटल हिल पर हिंसा भड़काई थी। इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति की आशंका जताई जा रही है। एक हालिया सर्वे में दावा किया गया है कि चुनाव परिणामों के बाद भी हिंसा भड़क सकती है। लगभग 25% अमेरिकियों ने माना कि दंगे हो सकते हैं, जबकि 10% लोगों को गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनने की चिंता है।
बना हुआ है अनिश्चितता का माहौल
2021 में कैपिटल हिल पर हुए हमले की यादें अभी भी ताजा हैं। हाल के चुनाव प्रचार के दौरान भी हिंसक घटनाओं की खबरें सामने आई हैं, जिनमें से एक पेंसिल्वेनिया के बटलर में ट्रंप की रैली में गोलीबारी हुई थी। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो लोग घायल हो गए थे। ऐसी घटनाओं से मतदाताओं में डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
ट्रंप के समर्थकों से हिंसा का डर
डेमोक्रेटिक सांसद स्टीव कोहेन ने चिंता जताई है कि अगर परिणाम ट्रंप के खिलाफ जाते हैं, तो उनके समर्थक हिंसक हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “स्थिति इतनी बिगड़ सकती है कि खूनखराबा हो सकता है।” कोहेन ने यह भी चेतावनी दी कि ट्रंप अपने समर्थकों को एक बार फिर कैपिटल हिल पर इकट्ठा होने के लिए उकसा सकते हैं। उनकी आशंका यह भी है कि ट्रंप यदि चुनावी हार को स्वीकार नहीं करते, तो उनके समर्थकों की प्रतिक्रिया बेहद गंभीर हो सकती है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
चुनाव से पहले ही कुछ मतदान केंद्रों पर हिंसा की खबरें आ चुकी हैं। सुरक्षा एजेंसियां संभावित गोलीबारी और अन्य हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए सतर्क हैं। इसके अलावा, कई राजनीतिक कार्यालयों और महत्वपूर्ण संस्थानों को बम धमाकों की धमकियां भी मिली हैं। यह सब स्थिति को और भी गंभीर बना रहा है। पुलिस और अन्य सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इस बार के चुनाव में अमेरिका एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता के दौर में प्रवेश करता दिख रहा है। जनता में भय व्याप्त है कि कहीं 2020 की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो जाए।