Kremlin Warns of World War 3: रूस और अमेरिका के बीच तनाव और भी बढ़ता जा रहा है. सोमवार को क्रेमलिन ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी, जिसमें उसने आरोप लगाया कि अमेरिका यूक्रेन के रूसी क्षेत्रों को निशाना बनाने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलें देने की मंजूरी देकर 'आग में घी डालने' का काम कर रहा है. रूस ने इस फैसले को लेकर चिंता जताई और कहा कि इससे न केवल युद्ध में अमेरिका की भूमिका और बढ़ेगी, बल्कि इससे संघर्ष और अधिक बढ़ सकता है.
क्रेमलिन का आरोप
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि अगर अमेरिकी प्रशासन ने यूक्रेन को रूस के अंदर गहरे हमले करने के लिए आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) की मंजूरी दी, तो यह तनाव के एक नए दौर की शुरुआत करेगा. पेसकोव ने यह भी आरोप लगाया कि बिडेन प्रशासन का लक्ष्य यूक्रेन में युद्ध को बढ़ाना है. उनके अनुसार, पश्चिमी हथियारों का रूस में गहरे हमलों के लिए इस्तेमाल अमेरिका और नाटो देशों की सीधी भागीदारी को दर्शाता है.
बिडेन का निर्णय और वैश्विक चिंताएं
यह चेतावनी तब आई है जब मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि राष्ट्रपति जो बिडेन ने यूक्रेन को रूस के अंदर गहरे हमले करने के लिए ATACMS मिसाइल प्रणाली देने की मंजूरी दी है. यह निर्णय यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की महीनों से की जा रही पैरवी के बाद लिया गया है और यह अमेरिकी नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है. इससे पहले बिडेन ने ऐसे हथियारों को देने का विरोध किया था, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे रूस के साथ परमाणु संघर्ष का खतरा पैदा हो सकता है.
तीसरे विश्व युद्ध का खतरा
रूसी सांसद मारिया बुटीना ने इस निर्णय को लेकर अमेरिका पर तीखा हमला किया. उन्होंने बिडेन को वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बताया और कहा कि इस फैसले से तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत का गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. बुटीना ने यह भी उम्मीद जताई कि भविष्य में डोनाल्ड ट्रम्प इस फैसले को पलट देंगे और युद्ध को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाएंगे.
पुतिन का चेतावनी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. पुतिन ने कहा था कि अगर पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को रूस में हमले के लिए हथियार दिए, तो इसका मतलब होगा नाटो की सीधी भागीदारी, क्योंकि इन हमलों के लिए नाटो के बुनियादी ढांचे और कर्मियों को निशाना बनाना पड़ेगा. इससे रूस और नाटो के बीच सीधी टकराव की स्थिति बन सकती है.
उत्तर कोरिया का समर्थन और रूस का सैन्य सहयोग
यह खबरें भी सामने आईं हैं कि उत्तर कोरिया ने रूस का समर्थन करने के लिए हजारों सैनिकों को भेजा है. इसके अलावा, खुफिया एजेंसियों के अनुसार, प्योंगयांग ने रूस के घटते सैन्य भंडार को मजबूत करने के लिए गोला-बारूद की आपूर्ति भी की है. इस सहयोग से रूस को अपनी सैन्य शक्ति को फिर से मजबूत करने में मदद मिल रही है, लेकिन यह भी पश्चिमी देशों के लिए एक नई चिंता का विषय बन गया है. First Updated : Monday, 18 November 2024