पहली बार नहीं लगा है ट्रंप का न्यूड स्टेचू! जानें पहले कब हुआ था बवाल?
US Presidential Election: अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में अब एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है. लास वेगास में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और अभी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की एक न्यूड स्टेचू लगायी गया है. इसे लेकर देश में सियासत तो तेज हो ही गई है. सोशल मीडिया पर भी ये मामसा छाया हुआ है.
US Presidential Election: लास वेगास में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और 2024 के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की 43 फीट ऊंची न्यूड स्टेचू लगाई गई है. यह प्रतिमा फोम से बनी है और इसका वजन करीब 2800 किलो है. इसे लास वेगास के इंटरस्टेट 15 के पास एक बाड़े में प्रदर्शित किया गया है. सोशल मीडिया पर ट्रंप की न्यूड स्टेचू की तस्वीरें वायरल हो गई हैं. एक यूजर ने मजाकिया अंदाज में कहा, "मैं इस आदमी के लिए वोट करने जा रहा हूं." वहीं, कुछ लोगों ने डेमोक्रेट्स का समर्थन करते हुए ट्रंप के विरोध में वोट की अपील की है.
29 सितंबर को नेवादा के सिल्वर स्टेट में कमला हैरिस की रैली से पहले ट्रंप की यह प्रतिमा लगाई गई है. इसके पीछे की वजह आगामी चुनावों को लेकर चर्चा बढ़ाने की बताई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे शुक्रवार शाम को स्थापित किया गया था.
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर ट्रंप की प्रतिमा को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है. कुछ लोग इसे एक "बेहूदा स्टंट" कह रहे हैं. वहीं कई ट्रंप समर्थकों ने इसे "अश्लील और घिनौना कृत्य" बताया. एक यूजर ने प्रतिमा के बारे में लिखा कि किसने सोचा था कि यह एक अच्छा विचार है? मैं हर दिन उस जगह से गाड़ी चलाने की कल्पना नहीं कर सकता.” वहीं ट्रंप का विरोध करने वाले इसका समर्थन कर रहे हैं.
2016 में भी हुआ था बवाल
यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप की नग्न प्रतिमाएं चर्चा का विषय बनी हैं. 2016 में भी अमेरिका के छह शहरों में ट्रंप की नग्न प्रतिमाएं लगाई गई थीं. उस समय भी उनपर काफी काफी बवाल हुआ था. तब भी ट्रंप समर्थकों ने जमकर विरोध किया था और अब फिर से चुनाव से पहले ऐसे ही विवाद की आशंका जताई जा रही है.
चुनावी माहौल और ट्रंप की हार पर संभावित दंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है. शुरुआती सर्वेक्षणों में कमला हैरिस का पलड़ा भारी दिख रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि अगर ट्रंप चुनाव हार जाते हैं, तो अमेरिका में दंगे भड़क सकते हैं. 6 जनवरी 2021 को कैपिटल विद्रोह की पुनरावृत्ति या इससे भी बदतर स्थिति पैदा हो सकती है.
ट्रंप समर्थकों ने 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में भी हार को स्वीकारने से इनकार कर दिया था और चुनाव परिणामों को चुनौती देते हुए कई मुकदमे दायर किए थे. अब एक बार फिर, ट्रंप की संभावित हार पर इसी तरह के उग्र प्रदर्शन की आशंका जताई जा रही है.