US Presidential Election: अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस आमने-सामने हैं. इस चुनाव में भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इतिहास रचने जा रही हैं. विलियम्स अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वोट डालेंगी, जिससे वह अंतरिक्ष से मतदान करने वाली चुनिंदा अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हो जाएंगी.
सुनीता विलियम्स का इस ऐतिहासिक मतदान में योगदान न केवल उनके अंतरिक्ष अभियान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दर्शाता है कि विज्ञान और लोकतंत्र कैसे एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं, चाहे आप धरती पर हों या अंतरिक्ष में ही क्यों न हों.
1997 से नासा के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष से मतदान की व्यवस्था की गई थी. टेक्सास के ह्यूस्टन में रहने वाले नासा के अधिकांश अंतरिक्ष यात्री इस प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं. टेक्सास विधानमंडल द्वारा पारित एक कानून के तहत नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष से मतदान करने का अधिकार दिया गया है. सुनीता विलियम्स इस व्यवस्था का हिस्सा बनकर ISS से इलेक्ट्रॉनिक बैलेट के माध्यम से वोट डालेंगी.
इस प्रक्रिया के तहत, विलियम्स सबसे पहले फेडरल पोस्टकार्ड एप्लिकेशन भरकर absentee बैलट के लिए आवेदन करेंगी. इसके बाद नासा का मिशन कंट्रोल सेंटर उन्हें एक सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक बैलट भेजेगा, जिसे वह ISS के कंप्यूटर सिस्टम पर भरकर अपना मतदान करेंगी. यह बैलट नासा के सोफिस्टिकेटेड स्पेस कम्युनिकेशन एंड नेविगेशन (SCaN) नेटवर्क के जरिए धरती पर पहुंचाया जाएगा. इसके बाद काउंटी क्लर्क के पास भेजा जाएगा.
यह पहली बार नहीं है जब अंतरिक्ष से मतदान किया जा रहा है. 1997 में डेविड वुल्फ ने मीर स्पेस स्टेशन से सबसे पहले वोट डाला था. इसके बाद 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में केट रॉबिन्स ने भी ISS से मतदान किया था. सुनीता विलियम्स इस प्रक्रिया का पालन करते हुए 400 किलोमीटर की ऊंचाई से राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेंगी.
इस साल पांच नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच मुकाबला होगा. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नवंबर के पहले मंगलवार को होते हैं, और इसके बाद नतीजों के अनुसार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करेंगे.