भारत-रूस की दोस्ती तोड़ना चाहते हैं बाइडेन! बौखलाहट में अमेरिका उठाय बड़ा कदम, बढ़ेगी टेंशन

अमेरिका ने एक बार फिर से रूस से भारत की तेल खरीद पर प्रतिबंधों का डंडा चलाया है. अब अमेरिका और ब्रिटेन ने उन तेल टैंकरों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो रूस से तेल लेकर भारत और चीन भेजे जाते थे.

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अमेरिका ने एक बार फिर से भारत और रूस के बीच बढ़ती दोस्ती को चुनौती देने की कोशिश की है. रूस से तेल खरीदने के खिलाफ अमेरिका ने ताजा प्रतिबंधों का ऐलान किया है, जिससे भारतीय और चीनी तेल आयात पर असर पड़ने की संभावना है. इस कदम के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की रणनीति है, जो रूस के खिलाफ दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

बता दें कि अमेरिका को उम्मीद थी कि इन प्रतिबंधों के जरिए रूस से तेल खरीदने वाले देशों, खासकर भारत और चीन को रोक सकेगा, लेकिन भारत और चीन ने अमेरिका के दबाव को नजरअंदाज करते हुए रूस से तेल खरीदना जारी रखा. इसने बाइडन प्रशासन की कोशिशों को नाकाम कर दिया.

प्रतिबंधों से अमेरिका का दोहरा फायदा

अमेरिका को इन प्रतिबंधों से दोहरा फायदा हो सकता है. एक ओर जहां रूसी तेल की आपूर्ति कम हो सकती है, वहीं अमेरिका भारत को अपना तेल बेचना चाहता है. इससे अमेरिकी तेल कंपनियों को बड़ा फायदा हो सकता है, जबकि भारत को पश्चिम एशिया, अफ्रीका और अमेरिका से तेल आयात बढ़ाने की जरूरत होगी. इसके परिणामस्वरूप तेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है.

रूस ने किया अमेरिका के कदम की आलोचना

रूस ने इस प्रतिबंध के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है. रूस ने इसे अमेरिकी चाल बताते हुए कहा कि इससे वैश्विक तेल बाजार में अनिश्चितता बढ़ेगी. रूस ने यह भी कहा कि वह अपने बड़े तेल और गैस परियोजनाओं को जारी रखेगा, चाहे अमेरिका के प्रतिबंध कितने भी कड़े क्यों न हों.

बाइडन का अंतिम कदम

बाइडन के कार्यकाल के अंत में यह कदम उठाया गया है, और यह देखा जा रहा है कि क्या नए अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए यह कदम मुश्किलें पैदा करेगा. रूस और भारत के बीच दोस्ती मजबूत हो रही है, और भारत ने रूस से बातचीत की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण बताया है. इस स्थिति में भारत और रूस के रिश्ते पर असर डालने के लिए अमेरिका के प्रतिबंध एक अहम कदम हो सकते हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या इससे भारत की नीति में बदलाव आएगा. First Updated : Monday, 13 January 2025