अमेरिका में 4 लाख से अधिक अवैध छात्र, अब ट्रंप की नीतियों से डरने लगे स्टूडेंट्स
डोनाल्ड ट्रंप जनवरी ने शपथ लेंगे पर अमेरिका में जो चार लाख अवैध छात्र रह रहे हैं उनको चिंता सताने लगी है। वह जानते हैं Immigration के मामले को लेकर ट्रंप बहुत सख्त हैं. इसी कारण जो गैर-कानूनी छात्र जो यूएसए में रह रहे हैं उनको चेतावनी दे गई है कि वह सचेत हो जाएं. यहां उनक यूनिवर्सिटीज को भय लगने लगा है यहां गैर-कानूनी छात्र शिक्षा लेते हैं.
वाशिंगटन. पिछली बार भी जब ट्रंप राष्ट्रपति बने थे तो उन्होंने गैर-कानूंनी लोगों और अवैध छात्र जो अमेरिका में रह रहे हैं उनके खिलाफ सख्ती की थी। इस बार उन्होंन पहले चितावनी दे डाली है कि ऐसे छात्र जो गैर-कानूनी से अमेरिका में पढ़ रहे हैं उनका मामला अब मुश्किल हो जाएगा। अमेरिका संयुक्त राज्य अमेरिका में जनवरी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पदभार ग्रहण करने से पहले कई विश्वविद्यालयों ने अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कर्मचारियों से कैंपस में लौटने का आग्रह किया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य अपनी स्थिति को लेकर चिंतित हैं. उनके सामने अमेरिकी इमिग्रेशन नीति में बदलाव के चलते अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
ट्रम्प प्रशासन के इमिग्रेशन नीतियों से संबंधित चिंताएं
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के दौरान यह वादा किया था कि वह अमेरिका में सबसे बड़े निर्वासन अभियान को लागू करेंगे. ट्रम्प का यह अभियान विशेष रूप से आप्रवासियों को निशाना बना सकता है, जिससे विदेशों से आए छात्रों को भी खतरा महसूस हो सकता है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन के आने से पहले अंतरराष्ट्रीय छात्र और कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित महसूस कर रहे हैं.
विश्वविद्यालयों द्वारा जारी की गई यात्रा सलाह
अमेरिका के कई प्रमुख विश्वविद्यालयों ने ट्रम्प के उद्घाटन से पहले अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कर्मचारियों को यात्रा संबंधी सलाह जारी की है. उदाहरण स्वरूप, मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय ने 5 नवंबर को एक परामर्श जारी किया था. इसमें छात्रों से आग्रह किया गया था कि वे 5 जनवरी से पहले शीतकालीन अवकाश के दौरान कैंपस में लौटने के बारे में गंभीरता से विचार करें. विश्वविद्यालय ने यह सलाह दी कि ट्रम्प प्रशासन के कार्यभार संभालने के पहले दिन नई नीतियां लागू हो सकती हैं. इससे छात्रों को अमेरिका लौटने में समस्या हो सकती है.
2017 में ट्रम्प के पहले सप्ताह की घटनाएं
ट्रम्प प्रशासन ने 2017 में अपने पहले सप्ताह में कई विवादास्पद आदेश जारी किए थे, जिनमें विशेष रूप से मुस्लिम बहुल देशों और अन्य देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके साथ ही छात्र वीज़ा पर भी कुछ सख्त कदम उठाए गए थे. यह ऐतिहासिक फैसले, विशेष रूप से विदेशों से आए छात्रों के लिए, एक बड़ा संकट बनकर उभरे थे. इससे उनकी स्थिति और भी कठिन हो गई थी.
भारत और एशिया के छात्रों में अनिश्चितता
अंतरराष्ट्रीय छात्रों में चिंता का मुख्य कारण न केवल इमिग्रेशन नीति में बदलाव है, बल्कि अमेरिका-चीन संबंधों में भी तनाव है. प्रोफेसर क्लोई ईस्ट के अनुसार, विशेष रूप से एशियाई देशों के छात्रों को इस समय अधिक अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है. चीन के छात्रों में विशेष रूप से डर है कि ट्रम्प प्रशासन के तहत उनकी स्थिति और अधिक कठिन हो सकती है.
जापानी छात्र की चिंताएं
इंडियाना के अर्लहैम कॉलेज में अध्ययन कर रहे जापान के छात्र एओई माएदा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि वह मई 2026 में स्नातक होने की योजना बना रहे थे, लेकिन अब ट्रम्प प्रशासन के आने से उनके भविष्य के बारे में आशंकाएं बढ़ गई हैं। माएदा ने कहा कि उन्हें अब उम्मीद कम है कि चीज़ें बेहतर होंगी और प्रशासन की नीतियां और भी कड़ी हो सकती हैं।
इन छात्रों को यूएसए आना हो जाएगा मुश्किल
पहले ही छात्रों को बाहर सोच समझ कर जाना चाहिए. पता है सभी को कि अगर गलत तरीके से बाहर गए तो कभी भी एक्शन हो सकता है. अब वही हुआ जो डर था. अब राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि गैर-कानूनी छात्रों का यूएसए में रहना मुश्किल हो जाएगा। यहां तक कि जिन शिक्षक संस्थानों ने उन्होंन शरण दी है उन पर भी एक्शन हो सकता है. ट्रंप प्रशासन इमिग्रेशन नीतियां इतनी सख्त कर देगा कि फिर गलत तरीके से यूएसए आना मुश्किल हो जाएगा.