अमेरिका में 130 साल बाद लौटा विवेकानंद का धर्मयुग, चुनाव में गूंजे वेद मंत्र, हिंदुओं का बोलबाला

America President Election: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. इससे पहले दोनों प्रमुख दल अपना पूरा जोर लगा रहे हैं. आज शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन का आखिरी दिन की शुरुआत हुई. इसमें डेमोक्रेटिक पार्टी का हिंदुओं के प्रति झुकाव देखने को मिला. कार्यक्रम के शुरू में ही वैदिक मंत्रों के पाठ किए गए. इस दौरान भारतीय-अमेरिकी पुजारी राकेश भट्ट ने डेमोक्रेट नेताओं को सनातन का ज्ञान भी दिया.

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America President Election: अगले कुछ महीने में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी आधिकारिक कार्यक्रम डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन का आयोजन किया गया. आज उसका आखिरी यानी तीसरा दिन रहा. यहां कमला हैरिस को पार्टी को ओर से आधिकारिक उम्मीदवार बनाया गया. जो बाइडेन ने उन्हें पार्टी की मशला सौंप दी. कार्यक्रम में बराक ओबामा समेत सभी बड़े नेता रहे जिनके बयानों ने सुर्खी बटोरी. पर तीसरे दिन की शुरुआत में सबसे खास रहा तो वैदिक मंत्रों के साथ कार्यक्रम की शुरुआत. इसे लोग 130 साल पहले स्वामी विवेकानंद के भाषण से भी जोड़कर देख रहे हैं.

डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के आखिरी दिन की शुरुआत एक वैदिक प्रार्थना के साथ हुई. कहीं ने कहीं इसका कारण अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के साथ ही हिंदुओं की आबादी और सनातन की समृद्ध परंपरा है. अमेरिका में हिंदू तीसरी सबसे बड़ी आबादी है. पहले नंबर पर ईसाई, दूसरे पर मुसलमान आते हैं. इसके साथ ही अन्य भारतीय परंपरा के लोगों की अच्छी खासी संख्या है. जो दोनों सियासी दलों में भी स्थान रखते हैं.

वैदिक मंत्रों का उच्चारण

शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के तीसरे दिन की औपचारिक कार्रवाई शुरू करते हुए भारतीय-अमेरिकी पुजारी राकेश भट्ट ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया. उन्होंने कहा कि भले ही हमारे बीच मतभेद हों, लेकिन जब राष्ट्र की बात आती है, तो हमें एकजुट होना चाहिए. हमारा ऐसा करना हमें सभी के लिए न्याय की ओर ले जाता है. इस दौरान सभी डेमोक्रेट नेता उनकी बातों को ध्यान से सुन रहे थे.

प्रार्थना के दौरान पुजारी राकेश भट्ट ने कहा कि दिलों को एक साथ धड़कने देना चाहिए. उन्होंने विकास और सुधार के लिए सामूहिक प्रयास के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने नेताओं से कहा कि हम एक सार्वभौमिक परिवार हैं. हमारा आधार केवल सत्य है. जो हमें अंधकार से सुधार की ओर ले जाता है.

हिंदू सांस्कृतिक ताना-बाना

अमेरिका के चुनाव से जुड़े आयोजन में वैदिक प्रार्थना को पहली बार शामिल किया गया है. ये वहां हिंदुओं की विविध सांस्कृतिक ताने-बाने को उजागर करता है. ये दर्शाता है कि कैसे वहां सनातनियों की आबादी बढ़ी है और वो सनातन के ज्ञान को स्वीकार कर रहे हैं. ये आधुनिक अमेरिका में भी बहुसांस्कृतिक लोकाचार के स्वीकारिता का प्रतीक है. भट्ट की वैदिक प्रार्थना भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत की मान्यता को दर्शाता है.

लौटा विवेकानंद का 'धर्मयुग'

डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में यह अनूठी शुरुआत हमें याद दिलाती है कि किस तरह से 131 साल पहले भारत के संत ने वहां सनातन का ज्ञान बिखेरा था. जिसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई पड़ी थी. 11 सितंबर 1893 वही दिन था जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो के धर्म सम्मेलन को संबोधित किया था. उन्होंने पश्चिमी देशों को भारतीय दर्शन, संस्कृति, अध्यात्म का लोहा मनवाया था.

डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन

बता दें अमेरिकी के शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन का आयोजन सोमवार (18 अगस्त) को शुरू हुआ था. इसका आखिरी दिन 22 अगस्त था. इसमें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को मशाल सौंपी. इसके साथ ही कमला डेमोक्रेटिक पार्टी की औपचारिक कैंडिडेट बन गई हैं. इस कार्यक्रम में तमाम बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया और भाषण भी दिए. First Updated : Thursday, 22 August 2024