दक्षिण अफ्रीका में 100 से भी ज्यादा मजदूरों ने भूख से तड़प-तड़पकर तोड़ दम, कई महीनों से सोने की खदान में फंसे मजदूर, Video

South Africa mining tragedy: दक्षिण अफ्रीका के स्टिलफोंटेन के पास बफेल्सफोंटेन सोने की खदान में 100 से अधिक मजदूर भूख और प्यास से मारे गए. महीनों तक फंसे इन मजदूरों के मोबाइल फोन से मिले वीडियो में खदान के अंदर प्लास्टिक में लिपटे शव दिखाई दिए. अब तक 18 शव बरामद किए गए हैं, जबकि करीब 500 मजदूर अब भी खदान में फंसे हो सकते हैं.

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South Africa mining tragedy: दक्षिण अफ्रीका की एक बंद सोने की खदान में 100 से अधिक मजदूरों की भूख और प्यास से मौत हो गई है. ये मजदूर कई महीनों से खदान के भीतर फंसे हुए थे और पुलिस की ओर से उन्हें बचाने के प्रयास जारी थे. स्टिलफोंटेन शहर के पास बफेल्सफोंटेन खदान में हुई इस त्रासदी का खुलासा तब हुआ जब कुछ मजदूरों ने मोबाइल फोन के जरिए वीडियो मिले. इन वीडियो में प्लास्टिक में लिपटे शव और खदान के अंदर की भयावह स्थिति दिखाई गई.

यूनाइटेड इन एक्शन ग्रुप के प्रवक्ता सबेलो मंगुनी ने बताया कि शुक्रवार को बचाए गए मजदूरों के पास एक मोबाइल फोन था, जिसमें खदान के अंदर के वीडियो थे. इन वीडियो में दर्जनों शव प्लास्टिक में लिपटे हुए देखे गए. बताया गया कि खदान की गहराई 2.5 किमी है. अब तक 18 शव बाहर निकाले जा चुके हैं, जबकि करीब 500 मजदूरों के अब भी खदान में फंसे होने की आशंका है.

भूख और प्यास से हुई मौतें

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, मजदूरों की पहली मौत का कारण भूख था. खदान में भोजन और पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद थी, जिसके कारण मजदूरों की मौत हो गई. यूनाइटेड इन एक्शन ग्रुप ने बताया कि अब तक 26 मजदूरों को जीवित बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन खदान में फंसे अन्य मजदूरों को निकालना चुनौती बना हुआ है.

पुलिस और मजदूरों के बीच संघर्ष

पुलिस द्वारा खदान को सील करने के प्रयास के दौरान मजदूरों और पुलिस के बीच संघर्ष की स्थिति बन गई. मजदूरों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी रस्सियां हटा दीं, जिससे वे बाहर नहीं निकल सके. वहीं, पुलिस का कहना है कि मजदूर गिरफ्तारी के डर से खदान में छिपे हुए थे.

अवैध खनन की गंभीर समस्या

दक्षिण अफ्रीका में अवैध खनन एक बड़ी समस्या है. जब बड़ी खनन कंपनियां खदानों को अनुपयोगी मानकर छोड़ देती हैं, तो स्थानीय खनिक वहां बचा हुआ सोना निकालने की कोशिश करते हैं. यह खतरनाक प्रक्रिया न केवल उनकी जान के लिए जोखिम भरी होती है, बल्कि इस तरह की त्रासदियों को भी जन्म देती है. First Updated : Tuesday, 14 January 2025