पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा में बदतर हुए हालात, अब तक 124 लोगों की जा चुकी है जान, 500 परिवारों ने छोड़ा घर
पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात हैं. खैबर पख्तूनख्वा में पिछले 10 दिनों से दो समुदायों के बीच लगातार हिंसा जारी है. इस हिंसा में 124 लोगों की जान जा चुकी है. दोनों समुदायों के बीच सीजफायर का ऐलान किया गया है. लेकिन फिर भी हिंसा का दौर थम नहीं रहा है.
पाकिस्तान से खैबर पख्तूनख्वा में सीजफायर के बावजूद शिया और सुन्नी समुदाय के बीच हिंसा जारी रही. इस सांप्रदायिक हिंसा में दो और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा बढ़कर 124 हो गया. अधिकारियों ने बताया कि पिछले 10 दिनों से सांप्रदायिक हिंसा में 170 से ज्याद लोग घायल हुए हैं. प्रांत के गवर्नर फैसल करीम कुंदी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर को व्यक्तिगत रूप से हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा करने की अपील की है.
आपको बता दें कि कुर्रम जिले में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई थी. शिया समुदाय का काफिला कुर्रम जिले में गुजर रहा था उसी समय सुन्नी समुदाय के लोगों की तरफ से काफिले पर हमला कर दिया. शिया की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की गई. 21 नवंबर को हमले के बाद से ही यहां टकराव की स्थिति बढ़ गई.
दोनों ही समुदायों के बीच विचारों और जमीन के लिए पिछले कुछ समय से तनाव की स्थिति बनी हुई थी. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, अब तक कुर्रम से कई परिवार पलायन कर चुके हैं. करीब 500 परिवारों ने हिंसा और झड़पों के डर की वजह से अपना घर छोड़ दिया है और दूसरी जगहों पर बसने को मजबूर हो गए हैं.
झगड़े का निपटारा कैसे हो?
कुर्रम में शिया और सुन्नी के विवादों के निपटारे के लिए खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा हुई. उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न सुरक्षा उपायों और दोनों संप्रदायों के बीच पहले हुए जमीन के बंटवारे और झगड़े को कैसे सुलझाया जाए इस पर भी चर्चा हुई. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि थल-सादा-पराचिनार हाईवे पर सुरक्षा बनाए रखने के लिए अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा.
2023 की जनगणना के मुताबिक, कुर्रम की 7.85 लाख आबादी में से 99% से अधिक पश्तून हैं, जो तुरी, बंगाश, ज़ैमुश्त, मंगल, मुक़बाल, मसूज़ई और पराचमकनी जनजातियों से जुड़े हुए हैं. इनमें से तुरी और बंगाश के कुछ मुसलमान शिया हैं, बाकी सभी सुन्नी हैं. पाकिस्तान के चुनाव आयोग के सामने 2018 में दी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुर्रम में शिया मुसलमान जिले की आबादी का लगभग 45 प्रतिशत हैं. ये पाकिस्तान की कुल आबादी में 10-15% से ज्यादा हैं.