पाकिस्तान में फिर उभरी हिंसा, खैबर पख्तूनख्वा में पुलिसकर्मियों की हत्या से सनसनी, अज्ञात हमलावरों ने मचाई तबाही
Pakistan Attack: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले के दरबान कलां में मंगलवार तड़के अज्ञात हमलावरों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसमें दो की मौत हो गई और एक घायल हो गया. हमले के बाद हमलावर फरार हो गए, और पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. घटना से पूरे इलाके में दहशत फैल गई है.
Pakistan Attack: पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बार फिर हिंसा का कहर देखने को मिला. मंगलवार को तड़के अज्ञात हमलावरों ने डेरा इस्माइल खान जिले के दरबान कलां इलाके में पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और एक घायल हो गया. इस हमले ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना दिया.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमला दक्षिणी वजीरिस्तान की सीमा से सटे दरबान कलां इलाके में हुआ. हमले के बाद अज्ञात हमलावर फरार हो गए. पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है.
तहरीक-ए-तालिबान का प्रभाव
प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के एक अलग हुए समूह के इस इलाके में सक्रिय होने की जानकारी है. स्थानीय निवासियों के अनुसार, तालिबानी लड़ाके आमतौर पर शाम के समय सड़कों पर कब्जा कर वाहनों की जांच करते हैं. यह हमला भी इसी गतिविधि का नतीजा हो सकता है.
मुख्यमंत्री और गवर्नर ने जताई संवेदना
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने इस हमले की निंदा करते हुए दोषियों को जल्द पकड़ने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने दो पुलिसकर्मियों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया. वहीं, गवर्नर फैसल करीम कुंदी ने भी इस हमले की निंदा करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.
2024 में बढ़ी आतंकवादी घटनाएं
सोमवार को जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में खैबर पख्तूनख्वा में सुरक्षा बलों ने 270 आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें कई इनामी आतंकवादी भी शामिल थे. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने 802 संदिग्धों को गिरफ्तार किया. हालांकि, इस दौरान 149 पुलिस अधिकारी अपनी जान गंवा बैठे और 232 घायल हुए.
पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल
इस ताजा हमले ने पाकिस्तान में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे हमले न केवल सुरक्षा बलों को चुनौती देते हैं, बल्कि क्षेत्र में शांति स्थापना के प्रयासों को भी कमजोर करते हैं.