Bangladesh news: बांग्लादेश में इस्कॉन के पूर्व प्रमुख और हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद जारी तनाव के बीच चटगांव में एक हिंदू मंदिर पर भीड़ द्वारा हमला करने की खबरें सामने आई हैं. चटगांव के फिरींगीबाजार क्षेत्र में स्थित लोकनाथ मंदिर को कथित रूप से निशाना बनाया गया.
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने पूरे बांग्लादेश में प्रदर्शन तेज कर दिए हैं. हिंदू समुदाय उनके रिहाई और हिंदुओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न पर न्याय की मांग कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (ISKCON) के प्रवक्ता राधारमण दास ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कथित वीडियो साझा किया, जिसमें भीड़ द्वारा मंदिर पर हमले की तस्वीरें देखी जा सकती हैं. उन्होंने लिखा कि बांग्लादेश में 24x7 हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे हैं. यह कब रुकेगा?
उन्होंने इस पोस्ट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप, और उनकी कैबिनेट सदस्य तुलसी गबार्ड को टैग किया.
ISKCON बांग्लादेश ने भी एक बयान जारी कर हिंदू भिक्षु की गिरफ्तारी और उसके बाद हुई हिंसा की निंदा की. बयान में कहा गया कि चिन्मय कृष्ण दास और सनातनी समुदाय को इस देश के नागरिक होने के नाते न्याय का हक है.
भारत सरकार ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की. इसके जवाब में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत की चिंता को "अनावश्यक" बताते हुए इसे ढाका का "आंतरिक मामला" करार दिया.
इस हिंसा के बीच, चटगांव में एडवोकेट सैफुल इस्लाम आलिफ की हत्या ने स्थिति को और गंभीर बना दिया. यह घटना तब हुई जब पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिक्षु की गिरफ्तारी के विरोध में झड़प हो रही थीं. चटगांव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नाज़िम उद्दीन चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सैफुल इस्लाम आलिफ की हत्या चटगांव में हुई है."
बांग्लादेश सरकार ने हत्या की निंदा की और जांच के आदेश दिए. चटगांव पुलिस ने हत्या के मामले में अब तक 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.
चटगांव और ढाका समेत पूरे बांग्लादेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद तनावपूर्ण है. चटगांव में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. तनाव तब बढ़ा जब चटगांव कोर्ट के बाहर हजारों प्रदर्शनकारियों ने चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग की. जब कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया, तो प्रदर्शनकारियों ने जेल वैन को रोकने की कोशिश की. पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले और साउंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया. दो घंटे की झड़पों के बाद भिक्षु को जेल भेजा गया.
First Updated : Thursday, 28 November 2024