Khalistani in Canada: कनाडा के भीतर खालिस्तानी अलगाववादियों ने एक जुलूस निकालकर पूरी दुनिया में बवाल मचा दिया है. मौजूदा समय में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें खालिस्तानी, स्थानीय निवासियों को आक्रमणकारी कहते नजर आ रहे हैं. साथ ही कनाडा से निकलकर यूरोप और इजरायल जाने की बात कह रहे हैं.
कनाडा से वायरल हो रहा वीडियो 'नगर कीर्तन' के दौरान का है. दो मिनट के इस वीडियो में देखा और सुना जा सकता है कि खालिस्तानी स्थानीय लोगों को "आक्रमणकारी" कह रहे हैं. भारत ने इस घटना को नया और सामान्य कहा है. भारत ने कहा कि 'कनाडा में खालिस्तानियों ने फिर से यही किया है. भारत को बदनाम करने और अपनी परेशानियों के लिए देश को दोषी ठहराने के बाद, उन्हें एक नया प्रतिद्वंद्वी मिल गया है वह खुद कनाडाई लोग हैं.'
खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा के लोगों को "आक्रमणकारी" करार देते हुए उनसे "इंग्लैंड और यूरोप वापस जाने" के लिए कहा है. दे मिनट के वायरल वीडियो में खालिस्तानियों ने नारे लगाते हुए कहा- "यह कनाडा है, हमारा अपना देश, तुम (कनाडाई) वापस जाओ."
भारतीय खुफिया सूत्रों ने इस घटना को कनाडा में 'नई और सामान्य बात' करार देते हुए कहा कि खालिस्तानी धीरे-धीरे देश के सभी पहलुओं पर 'कब्जा' कर रहे हैं. 'उचित निगरानी के अभाव में, ये समूह स्थानीय कनाडाई लोगों से भी नियंत्रण छीन रहे है. हिंदुओं से सुरक्षा के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं और अब, उनकी कॉलोनियों में स्थानीय लोगों के लिए खतरा है.'
दरअसल, पिछले साल खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध खराब हो गए थे. निज्जर को भारत ने आतंकवादी करार दिया था. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि कनाडाई पुलिस जून 2023 की हत्या में भारतीय एजेंटों और भारत सरकार की प्रत्यक्ष संलिप्तता के आरोपों की जांच कर रही है, जिसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.
भारत ने आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें "बेतुका" बताया और ट्रूडो पर खालिस्तानियों को पनाह देने का आरोप लगाया जो न केवल भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं, बल्कि कनाडा की धरती पर हिंदुओं पर हमला भी कर रहे हैं. हाल ही में, कनाडा के मंदिरों में हिंदू भक्तों पर हमलों की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान जारी कर "जानबूझकर किए गए हमले" की निंदा की है.
इस बीच, भारतीय खुफिया और सरकारी एजेंसियों का मानना है कि ट्रूडो अगले साल के चुनाव में सांसद जगमीत सिंह का समर्थन सुनिश्चित करने के लिए खालिस्तानी समूहों का समर्थन कर रहे हैं. यह देखते हुए कि पूर्व की लोकप्रियता रैंकिंग में गिरावट आई है और वह अपनी सरकार को एक साथ रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. खासकर जब से उन्होंने स्वीकार किया कि भारत के खिलाफ उनके आरोप केवल खुफिया जानकारी थे और उनके पास "कोई ठोस सबूत नहीं था". First Updated : Thursday, 14 November 2024