गाजा में तुरंत युद्धविराम प्रस्ताव पर हुई वोटिंग, भारत ने बनाई दूरी

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में शुक्रवार को गाजा में तुरंत युद्धविराम प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जिसमें भारत ने अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज कराई है. इसके अलावा जापान और नीदरलैंड भी इस मीटिंग में अनुपस्थित रहे.

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Edited By: JBT Desk

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में शुक्रवार को एक बड़े फैसले की बारी थी. इस मौके पर भारत सहित 13 देशों ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है. दरअसल, यह बैठक संयुक्त राष्ट्र में इजरायल द्वारा गाजा में जारी युद्ध पर रोक लगाने के लिए की गई थी जिसमें भारत के साथ-साथ 13 देश शामिल नहीं हुआ. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में शुक्रवार को एक प्रस्ताव अपनाया, जिसमें गाजा में संभावित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराए जाने की मांग की गई थी.

इस मामले पर भारत के साथ-साथ जॉर्जिया, जापान और नीदरलैंड सहित 13 देश अनुपस्थित रहे. बता दें कि गाजा में जारी जंग के बारे में पूरी दुनिया बात कर रही है.

गाजा में तुरंत युद्धविराम प्रस्ताव पर हुई वोटिंग से भारत ने बनाई दूरी

गाजा में तुरंत युद्धविराम प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में 26 वोट डाले गए है जिसमें से 6 वोट इसके खिलाफ पड़े. इस वोटिंग में 13 देश शामिल नहीं हुए. जिसमें से भारत, फ्रांस, जापान, नीदरलैंड और रोमानिया समेत अन्य देश शामिल हैं.  वहीं इस प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग करने वालों में अर्जेंटीना बुल्गारिया जर्मनी और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं. वहीं चीन, इंडोनेशिया, कुवैत, मलेशिया, मालदीव, कतर, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश ने इस पर्सताव के पक्ष में वोटिंग की है

प्रस्ताव में किया गया ये मांग

UNHRC यानी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव में यह मांग किया गया है कि पूर्वी यरुशलम सहित 1967 से कब्जा किए गए फलस्तीनी क्षेत्र पर इसराइस अपना कब्जा खत्म कर दे. इस प्रस्ताव में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष को समाप्त करने के सभी प्रयास अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अंतर्गत किया जाना चाहिए. इसके साथ गाजा में हो रहे युद्ध को तुरंत लोग लगाने की भी मांग की गई है. सहायता पहुंचाने और बुनियादी आवश्यकताओं की तत्काल बहाली का भी आह्वान किया गया है जिसमें इजराइल द्वारा किए गए अवैध नाकाबंदी और अन्य सभी प्रकार की घेराबंदी को तत्काल हटाने की मांग की गई है.

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06 April 2024, 06:52 AM IST

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