Taiwan Election: चीन से भारी विवाद के बीच ताइवान में मतदान शुरू, चुनाव पर अमेरिका-चीन समेत विश्वभर की नजर
Taiwan Election 2024: चीन की धमकी के बाद ताइवान में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति को चुनने के लिए मतदान शुरू हो गया है, इस बाद ताइवान के राष्ट्रध्यक्षों का चयन करने के लिए 1.95 करोड़ लोग अपने मत उपयोग करेंगे.
Taiwan Election 2024: ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है, मतदान सुबह करीब आठ बजे से शुरू हो गया और शाम चार बजे तक चलेगा. यहां पर प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट को चुनने के लिए 1.95 करोड़ मतदाता अपनी वोटिंग का इस्तेमाल करेगी. साथ ही इसमें 10 लाख ऐसे भी मतदाता हैं जो पहली बार अपने मतदान का प्रयोग करेंगे. वोटिंग होने के तुरंत बाद इसकी गिनती भी शुरू हो जाएगी.
ताइवान में दो पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला
ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 1.95 करोड़ लोग अपने मतदान का उपयोग करने जा रहे हैं. अगर पिछले दो चुनाव में मतदान के आंकड़ों पर निगाहे डालें तो जहां वर्ष 2016 में 66.27 प्रतिशत था और 2020 में 74.9 फीसदी तक मतदान हुआ था. ताइवान चुनाव में मुख्य रूप से दो पार्टियों के बीच मुकाबला देखा जा सकता है.
बीते आठ सालों से डीपीपी सत्ता पर काबिज
पहली पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) है जिसका अमेरिका की ओर झुकाव है और दूसरी पार्टी कुओमिनटांग (केएमटी) जो बीजिंग का समर्थन करती है. डीपीपी बीते आठ सालों से सत्ता पर काबिज है और शी जिनपिंग के खिलाफ अपनी नीतियों को तैयार करती हैं. वहीं, डीपीपी अपने चुनाव में प्रचार का नारा भी जिनपिंग के खिलाफ ही देती हुई दिखाई देती है. इसके अलावा अन्य पार्टी पीपुल्स ताइवान भी मैदान में टिकी हुई है.
And so it begins! Voting for Taiwan’s 2024 Presidential Election is now open until 4pm! pic.twitter.com/1RmVcEqiBU
— Jaime Ocon 歐海美 (@JaimeOcon1) January 13, 2024
चुनाव पर अमेरिका और चीन की निगाहें
ताइवान चुनाव में पर अमेरिका-चीन समेत दुनियाभर के देशों की निगाहें टिकी हुईं हैं, र्तमान राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने अभी तक अपने दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं. यह ज्यादातर चीन विरोध के चलते सत्ता पर काबिज रही हैं. वह ताइवान की चीन से मुक्ति चाहती हैं और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करना चाहती हैं. ऐसा राजनीतिक विश्लेषक मानकर चल रहे हैं कि अगर पीपीपी एक बार फिर सत्ता पर काबिज होती है तो उसका चीनी सरकार से टकराव हो सकता है. वहीं, चीन ने कहा कि है ताइवान की जनता इस बार के चुनाव में शांति और युद्ध में से एक को चुने.