Wagner Army Chief Yevgeny Prigozhin Killed: रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन की मौत के बाद से कई सवाल उठ रहे हैं. पुतिन के साथ बगावत करने वाले प्रिगोजिन की मॉस्को के उत्तर-पश्चिम तेवेर शहर में प्लेन क्रैश होने से मौत हो गई है. विमान में सात यात्रियों सहित तीन चालक के सदस्यों की भी मौत हो गई है.
वागनर ग्रुप से जुड़े एक टेलीग्राम चैनल 'ग्रे जोन' ने कहा, 'येवगेनी प्रिगोजिन की मौत हो चुकी है. उन्होंने रूस के खिलाफ गद्दारी की थी, इसलिए उन्हें मार डाला गया.' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सभी शवों की पहचान की जा चुकी है. वैगनर चीफ के साथ उनके सहयोगी दिमित्री उत्किन, सर्गेई प्रोपुस्टिन, येवगेनी माकारियन, अलेक्जेंडर तोतमिन, वालेरी चेकालोफ और निकोलाई मातुसेयेव भी हादसे में मारे गए है. चालक दल के सदस्यों की पहचान कैप्टन एलेक्सी लेवशिन, को-पायलट रुस्तम करीमोफ और फ्लाइट अटेंडेंट क्रिस्टीना रास्पोपोवा के रूप में हुई.
अब वैगनर चीफ की मौत पर सवाल उठ रहे है. ब्रिटेन के पूर्व खुफिया अधिकारी का कहना है कि उनका इस तरह मरना पहले से तय था. दूसरी तरफ, यूक्रेन ने कहा है कि येवगेनी प्रिगोजिन ने अपने डेथ वारंट पर खुद ही हस्ताक्षर कर लिए थे. हालांकि, अभी तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि विमान को मार गिराया गया या फिर प्लेन में हवा के दौरान ही विस्फोट हुआ है. दरअसल, इस साल जून में वैगनर सेना ने प्रिगोजिन के नेतृत्व में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बगावत की थी. तभी से माना जा रहा था इसके लिए प्रिगोजिन को सजा मिल सकती है.
विदेशी मीडिया रिपोर्ट में ब्रिटेन के पूर्व खुफिया अधिकारी क्रिस्टोफर स्टील के हवाले से बताया गया कि वैगनर चीफ का इस तरह से मरना पहले ही तय था. उन्होंने कहा, 'हमें कुछ सप्ताह पहले बताया गया था कि रूस में व्यापारिक समुदाय के वरिष्ठ लोगों ने प्रिगोजिन को मारने के लिए सुपारी दी है. उनके रूस की सरकार में कई दुश्मन थे और दोस्त काफी कम और देखा जाए तो सबको अंदाजा था कि प्रिगोजिन का अंत कुछ ऐसा ही होगा.'
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन की मौत खबर से उन्हें हैरानी नहीं हुई है. बाइडन ने कहा, 'उन्हें इस पर आश्चर्य नहीं हुआ.' बाइडन से पूछा गया कि क्या इसके लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन जिम्मेदार हैं. इस पर उन्होंने कहा, 'रूस में बहुत कम चीजें ऐसी होती हैं जिनके पीछे पुतिन का हाथ नहीं होता.'
मीडिया रिपोर्ट में द इकोनॉमिस्ट के रक्षा संपादक शशांक जोशी के हवाले से बताया गया कि रूस में सरकार विश्वासघात करने वालों के साथ ऐसा ही करती है और इसका एक ट्रैक रिकॉर्ड है. शशांक जोशी ने ब्रिटेन में पूर्व रूसी खुफिया अधिकारी अलेक्जेंडर लितविनेंको की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि उन पर रेडियोएक्टिव पदार्थ पोलोनियम-210 का इस्तेमाल किया गया था. साल 2018 में नोविचोक नर्व एजेंट का उपयोग करके सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी की हत्या करने की कोशिश की गई थी. First Updated : Thursday, 24 August 2023