पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक में वजीरिस्तानी शरणार्थी मारे गए, तालिबान ने उठाया मुद्दा

अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के बरमल जिले में पाकिस्तान के हवाई हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है. यह संख्या बढ़ने की आशंका है. तालिबान ने पाकिस्तान के हमले की कड़ी निंदा की है और उसने जवाबी कार्रवाई की बात कही है.

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पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के बरमल, पक्तिका इलाके पर हवाई हमले किए हैं, जिनमें तालिबान के मुताबिक 15 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वे इसका जवाब देंगे. मंत्रालय का कहना है कि अपनी जमीन और संप्रभुता की रक्षा करना उनका अधिकार है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने इन हमलों में ‘वजीरिस्तानी शरणार्थियों’ को निशाना बनाया, जो पाकिस्तान से अफगानिस्तान आए थे. मारे गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.

पाकिस्तान ने अभी तक इन हवाई हमलों की पुष्टि नहीं की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के सूत्रों का कहना है कि ये हमले तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किए गए थे. पाकिस्तान में तालिबान के हमलों के कारण तनाव बढ़ गया है, और पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि अफगान तालिबान पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए उनके साथ सहयोग नहीं कर रहा है.

एयरस्ट्राइक में ‘अपने’ ही बच्चों और महिलाओं को मार डाला

तालिबान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह ख़्वारजमी ने पाकिस्तान के इन दावों का खंडन किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि इन हवाई हमलों में अधिकांश लोग वजीरिस्तानी शरणार्थी थे, और इनमें कई बच्चे और अन्य नागरिक मारे गए हैं. हालांकि, मरने वालों की सटीक संख्या का पता नहीं चला है, लेकिन उन्होंने बताया कि अब तक मलबे से 15 शव निकाले गए हैं. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.

पाकिस्तान और तालिबान के बीच तनाव क्यों बढ़ा है?

तालिबान वजीरिस्तानी शरणार्थियों को आम नागरिक मानता है, जो पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों के कारण अफगानिस्तान आ गए थे. दूसरी ओर, पाकिस्तान का दावा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कई कमांडर अफगानिस्तान में भाग गए हैं और अफगान तालिबान उन्हें शरण दे रहा है. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान टीटीपी के आतंकवादियों को पनाह दे रहा है, जबकि तालिबान ने हमेशा इस आरोप को नकारा है. यह तनाव अब और बढ़ता जा रहा है, खासकर अफगानिस्तान के दक्षिणी प्रांतों में टीटीपी की मौजूदगी को लेकर. First Updated : Wednesday, 25 December 2024