जाने-माने पत्रकार ने खो दी अपनी आवाज, तो AI ने चलाई जादू की छड़ी और दे दी नई जिंदगी!
इजरायल के पत्रकार मोशे नुसबाम अपनी बोलने की क्षमता खो चुके थे, जिसके बाद एआई तकनीक ने उन्हें नई जिंदगी दे डाली हैं. ऐसे में आइए जानते हैं ऐसा क्या हुआ पत्रकार मोशे नुसबाम के साथ, जिस वजह से खुशियां वापस से लौट आई हैं.
International news: इजरायल के मशहूर टीवी पत्रकार मोशे नुसबाम, जो एएलएस (एमियोट्रोफिक लैटरल स्क्लेरोसिस) नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और अपनी बोलने की क्षमता खो चुके थे, अब एआई की मदद से अपनी विशिष्ट आवाज को वापस पा चुके हैं. 71 साल के नुसबाम, जिन्हें 'नुसी' के नाम से जाना जाता है, अब एक बार फिर से टीवी स्क्रीन पर वापसी करने के लिए तैयार हैं.
एएलएस से जूझते हुए बढ़ी नुसबाम की मुश्किलें
नुसबाम को दो साल पहले पता चला था कि वह एएलएस से पीड़ित हैं. एएलएस एक तंत्रिका संबंधी बीमारी है जो मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली तंत्रिका कोशिकाओं को प्रभावित करती है. शुरुआत में उन्होंने वादा किया था कि जब तक वे शारीरिक रूप से सक्षम होंगे, वे काम करेंगे, लेकिन धीरे-धीरे यह मुश्किल होता गया. युद्ध और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के कवर करने वाले इस पत्रकार को चलने-फिरने और बोलने में कठिनाई होने लगी थी.
नुसबाम की वापसी और एआई का रोल
चैनल 12 न्यूज ने घोषणा की कि एआई की मदद से नुसबाम को कमेंटेटर के रूप में वापस लाया जाएगा. नुसबाम अब अपनी रिपोर्टिंग करेंगे और एआई तकनीक की मदद से अपनी आवाज में कमेंट्री करेंगे. यह तकनीक नुसबाम की वास्तविक आवाज की नकल कर सकती है, जो उन्होंने अपने करियर में हजारों घंटे बोली है. एआई द्वारा प्रशिक्षित आवाज के कारण नुसबाम की रिपोर्टिंग में भावनाएं और वास्तविकता महसूस होती हैं, जो पारंपरिक 'टेक्स्ट-टू-स्पीच' तकनीक से कहीं बेहतर हैं.
एआई तकनीक से दिव्यांगों के लिए एक नई उम्मीद
इसे लेकर, नुसबाम ने कहा कि उन्हें एआई तकनीक को समझने में कुछ समय लगा, लेकिन अब वे इसे समझ चुके हैं और इसे दिव्यांग लोगों के लिए एक वरदान मानते हैं. इस नई तकनीक के माध्यम से नुसबाम अपनी विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों जैसे अपराध और राष्ट्रीय सुरक्षा पर कमेंट्री और विश्लेषण करेंगे.