Explainer: ताइवान में नई पार्टी TPP के नेता वेन-जे का युवाओं के बीच बढ़ा जनाधार, चुनाव में कई सीट जीतकर बदला राजनीतिक समीकरण

Taiwan Election: राजनीति विज्ञानी वेन-ती सुंग कहते हैं कि एक समय था जब दो पार्टियों के बीच मुकाबला हुआ करता था, लेकिन इस बार के चुनाव ने वो धारणा तोड़ दी है और अब यह चुनाव त्रिकोणीय हो गया है.

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Taiwan Election: ताइवान में राष्ट्रपति का चुनाव कई मामलो में महत्वपूर्ण है, एक तरफ जहां डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) जो चीन का विरोध करती रही है और दूसरी तरफ जो कोमितांग (केएमटी) चीन की आधी योजनाओं का समर्थन करती रही है और इस बार का चुनाव भी इनके बीच में ही रहा. लेकिन इसी बीच कड़े मुकाबले में एक चौथाई मतदाताओं जिनमें अधिकतर युवा शामिल उन्होंने तीसरी पार्टी ताइवान पीपल्स पार्टी (टीपीपी) को दिया है. इसके अध्यक्ष वेन-जो को एक स्वतंत्र विचार वाले नेता के रूप में समझा जाता है. 

क्या टीपीपी अपनी राजनीति को देगी धार?

बताया जा रहा है कि नई पार्टी ने इस चुनाव में प्रदर्शन शानदार किया है, अगर वह अपनी पार्टी की सीटों को बढ़ाती है तो इसकी सत्ता में आने की राह आसान होती दिखाई देगी. लेकिन वेन-जो तीसरे स्थान पर विराजमान है. इसके साथ ही राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि ताइवान की वर्तमान राजनीति को इस नई नवेली पार्टी ने बदल कर रख दिया है. वैसे यहां पर लंबे समय से दो ही पार्टियों का दबदबा रहा है. जिसमें मुख्यरूप से कोमिंतांग (KMT) और विलियम लाई की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) है.

लंबे समय से ताइवान में दो पार्टियों का रहा दबदबा 

राजनीति विज्ञानी वेन-ती सुंग कहते हैं कि एक समय था जब दो पार्टियों के बीच मुकाबला हुआ करता था, लेकिन इस बार के चुनाव ने वो धारणा तोड़ दी है और अब यह चुनाव त्रिकोणीय हो गया है. को वेन जे एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं और वह पहली राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में अपने यह पहला चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान चीन और ताइवान के बीच एक मध्यमार्ग रास्ते अपनाने की घोषणा की थी और यह आह्वान किया था कि नीला केएमटी के और हरा डीपीपी के रंग को ताइवान के लोगों को हटा देना चाहिए. 

नई पार्टी ने नौजवानों के बीच बनाई अपनी जगह

साल 2016  के बाद से अपना प्रभाव युवाओं के बीच बनाना शुरू कर दिया और टीपीपी को लेकर मानना है कि अब ताइवान की राजनीति में अलग पहचान बनाई है और अधिक बहुलवादी राजनैतिक माहौल चाहते हैं. जब शनिवार को ताइवान इलेक्शन के रिजल्ट सामने आए तो टीपीपी को समर्थन करने वाले युवाओं ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की और चुनावी धांधली के आरोप लगाए. युवाओं में मर्दावादी और संलैंगिकता के मुद्दे पर वह वेन-जो से थोड़ी असहमति दर्ज की थी. लेकिन लंबे समय से राजनीति का केंद्र में बनी डीपीपी और कोमितांग से लोगों का आर्थिक समाधान के मुद्द पर मुंहभंग होता जा रहा है. अब तीसरा विकल्प ढूंढने की तलाश कर रहे हैं.

20 वर्षों से कर रही है दो पार्टी राज 

युवा पीढ़ी साल 2000 से देख रही है कि डीपीपी और कोमितांग दोनों बारी-बारी से राज करती हुई है, हालांकि इस बार विलियम लाई ने यह रिकॉर्ड तोड़ा है. चुनाव में टीपीपी के प्रदर्शन को लेकर युवाओं ने कहा कि एक नई पार्टी डीपीपी और केएमटी का जमाना अब खत्म करती जा रही है. अब नए समय आने का वक्त लग रहा है और टीपीपी मुझे एक नई पार्टी लग रही है. लेकिन कुछ अन्य राजनीति विज्ञान के जानकार कह रहे हैं कि नई पार्टी वैकल्पिक राजनीति की मांग इतनी बड़ी भी नहीं है कि वर्तमान पार्टी की सत्ता को उखाड़ फेंके. लेकिन यह जरूर है कि इस नई पार्टी के प्रति युवाओं का आकर्षण अधिक संख्या में मौजूद है. 

First Updated : Monday, 15 January 2024