पाकिस्तान चुनाव में क्या है धार्मिक अल्पसंख्यकों की अहमियत, इन चुनौतियों करना पड़ता है सामना
Pakistan General Election 2024: पाकिस्तान में चुनाव को लेकर हमेशा अल्पसंख्यक भूमिका पर सवाल उठते रहते हैं, वहां पर सिख और हिंदुओं का काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
Pakistan General Election 2024: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को चुनाव प्रक्रिया में ऐसी बनाई है कि वहां पर उनकी भूमिका को ज्यादा महत्व नहीं रखा गया है. पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव के लिए वोटिंग डाली जानी है, इसलिए पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक देशों निगाहें इस पर टिकी हुई है. लेकिन लाखों धार्मिक अल्पसंख्यक चुनाव के फ्रेम से बाहर दिखाई देते हैं. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को हर तरह से परस्त करने की कोशिश की जाती रही है.
पाकिस्तान में अलग-थलग महसूस करते हैं अल्पसंख्यक
डॉ. सकारिया करीम ने की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन चुनौतियों में सबसे बड़ी भूमिका राज्य की जांच एजेंसियां, मुख्यधारा में राजनीतिक पार्टियों की उदासीनता, इस्लामी प्रक्रिया में जुझारु रवैये और अल्पसंख्यक समाज के लोगों की भावना से वंचित रखने की कोशिश वहां आर्मी करती रहती है. इस सब प्रक्रिया में खास बात यह है कि अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के वह लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के साथ सिंध के दूरदराज एरिया में रहते हैं. वह चुनाव से बिल्कुल अलग-थलग महसूस करते हैं.
अप्रत्यक्ष मतदाताओं और उम्मीदवारों के बीच लड़ाई
बता दें कि पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 51 (4) में केंद्रीय असेंबली में 10 सीट और आर्टिकल 106 के तहत 24 सीटें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए रिजर्व रखे जाने का प्रावधान है. मानवाधिकार आयोग ने ईसाई सामाजिक कार्यकर्ताओं के हवाले से कहा है कि अप्रत्यक्ष मतदाताओं और राजनीतिक प्रतिनिधियों के बीच एक प्रकार द्वंद पैदा हो गया है. इसके कारण अहमदी समुदाय को सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.
सिंध में अल्पसंख्यकों का बुरा हाल
आगामी आम चुनावों से पहले अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है, धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक नफरती और विचलित करने वाली सामग्री का प्रसार किया जा रहा है. इसी क्रम में कराची में एक इस्लामी संस्था की ओर से एक फतवा जारी कर कहा गया था कि अल्पसंख्यकों समुदाय के प्रत्याशियों को वोट नहीं दिया जाए. वहीं, पाक कानून के अनुसार एक शख्स को राज्य का नागरिक होना चाहिए और इलेक्शन कमीशन में एक मतदाता की सूची में नाम दर्ज होना चाहिए. लेकिन सिंध के अल्पसंख्यक हिंदू लोगों का कहना है कि उनकी आबादी की तुलना में कुछ लोगों के पास ही पहचान पत्र जैसे दस्तावेज मौजूद हैं.