Phosphorus Bomb: क्या है फास्फोरस बम? एक बार आग लग जाए तो बुझाना मुश्किल... इजरायल ने हमास पर छोड़े कई बम

फास्फोरस का तापमान 800 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा होता है, धमाके के बाद इसके कण दूर-दूर तक फैल जाते हैं. इसके संपर्क में आने के बाद किसी भी व्यक्ति की जान आराम से जा सकती है.

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Edited By: Sachin

Gaza−Israel conflict: इजरायल और चरमपंथी समूह हमास के बीच शनिवार (7 अक्टूबर) से जंग जारी है. इजरायल और हमास के युद्ध के बाद से दुनियाभर के कई देशों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. इस जंग में दुनिया दो खेमों में बंटी नजर आ रही है. इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि इस युद्ध की शुरूआत हमास ने की है, लेकिन खत्म हम करेंगे. इजरायल ने फिलीस्तान के खिलाफ जंग छेड़ दी है. वहीं, इजरायल इस युद्ध में फास्फोरस बम का भी जमकर इस्तेमाल कर रहा है. वैसे तो इस बम का यूज ज्यादा आबादी वाले इलाकों में नहीं कर सकते हैं. लेकिन खबर है कि 20 लाख की जनसंख्या वाले गाजा पट्टी के इलाके में इजरायल ने फास्फोरस बम का इस्तेमाल किया है. 

जानें क्या है फास्फोरस बम? 

फास्फोरस बम एक तरह से रबर जैसा होता है, लेकिन इस बम के इस्तेमाल पर कई तरह के नियम बनाए गए हैं. इस बम को जब किसी पर यूज किया जाता है और उसके बाद ऑक्सीजन के संपर्क में आने के बाद यह बहुत तेजी से जलने लग जाता है. जलने के बाद चारों दिशाओं में आग फेंकता है. जिसके कारण लहसुन की खुशबू आने लग जाती है. 

धमाके के बाद कितना खतरनाक? 

फास्फोरस का तापमान 800 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा होता है, धमाके के बाद इसके कण दूर-दूर तक फैल जाते हैं. इसके संपर्क में आने के बाद किसी भी व्यक्ति की जान आराम से जा सकती है. बम के कण सांस लेने में तकलीफ कर देते हैं और स्कीन के अंदर के टिश्यू बुरी तरह खत्म कर देते हैं. साथ ही अंदरूनी अंगों को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर देता है. इंटरनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस की रिपोर्ट बताती है कि इस बन का असर कई किलोमीटर तक जाता है और सबसे खतरनाक बात यह है कि यह तब तक आग लगाता रहता है जब तक वहां पर मौजूद ऑक्सीजन को खत्म न कर दे. 

बम के कम स्किन पर चिपक जाते हैं

बता दें कि फास्फोरस बम के कण इंसान के शरीर में चिपक जाते हैं और उसके बाद धीरे-धीरे उसकी स्किन को काफी नुकसान पहुंचा देते हैं. आपको बताते चले कि स्विजरलैंड के जेनेवा में हुए कंवेंशन में वाइट फास्फोरस को लेकर कई नियम बनाए गए थे. जिसमें सभी की आम सहमति बनी थी कि फास्फोरस बम ज्यादा आबादी वाले इलाके में यूज नहीं किया जाएगा. अगर कोई देश युद्ध के दौरान आबादी वाले इलाके में करता है तो उसकी गिनती रसायनिक हथियार में की जाएगी. 

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10 October 2023, 11:21 AM IST

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