क्या है चीन की इस रिपोर्ट में? जिसने बढ़ा दी भारत की चिंता
World News: चीन के सीमा शुल्क कार्यालय द्वारा आज एक रिपोर्ट पेश की है. जिसने भारत की चिंता को बढ़ाने का काम किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी देश के निर्यात में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. यह वृद्धि 5 महीनों से लगातार देखी गई है. यह वृद्धि चीन की विदेशों में बढ़ती मांग के संकेत को दिखाने काम करता है. इसके बावजूद धीमी होती चीनी अर्थव्यवस्था के बीच आयात में गिरावट देखी गई है.
World News: चीन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. पड़ोसी देश के निर्यात में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. यह वृद्धि 5 महीनों से लगातार देखी गई है. यह वृद्धि चीन की विदेशों में बढ़ती मांग के संकेत को दिखाने काम करता है. इसके बावजूद धीमी होती चीनी अर्थव्यवस्था के बीच आयात में गिरावट देखी गई है. दरअसल, चीन के सीमा शुल्क कार्यालय द्वारा आज जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने अगस्त में निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.7 प्रतिशत बढ़कर 308.65 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. जिसने भारत की टेंशन को बढ़ाने का काम किया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह अर्थशास्त्रियों के करीब 6.5 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है. जुलाई में निर्यात के अंदर 7 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी देखी गई थी. वहीं अगस्त में यह आंकड़ा 18 महीने में सबसे मजबूत है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह अगस्त 2023 में कम आधार है, जब निर्यात में 8.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी. तुलनात्मक रूप से, एक साल पहले की तुलना में आयात में केवल 0.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. यह अर्थशास्त्रियों द्वारा लगाए गए करीब दो प्रतिशत के अनुमान से कम है.
चीन के निर्यात में तेजी से हुई बढ़ोत्तरी
इस बीच कैपिटल इकोनॉमिक्स के जिचुन हुआंग के अनुसार, निर्यात मूल्य पिछले 17 महीने में सबसे तेज गति से बढ़ा है. वहीं निर्यात की मात्रा रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि भविष्य में निर्यात में मजबूती देखने को मिलेगी. जिसे चीन की वास्तविक प्रभावी विनिमय दर में गिरावट से समर्थन मिल रहा है. चीन का व्यापार अधिशेष अगस्त में बढ़कर 91.02 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो जुलाई में 84.65 अरब अमेरिकी डॉलर था. निर्यात की मांग बढ़ रही है, लेकिन चीन घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहा है.
जानें रिपोर्ट में क्या है खास?
बीते दिन सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अगस्त महीने में 0.6 प्रतिशत तक बढ़ा है, जो पूर्वानुमानों से कम है. अधिकारियों ने खराब मौसम के कारण खाद्य कीमतों में वृद्धि को उच्च सीपीआई की वजह बताया है. हालांकि मुख्य सीपीआई (जिसमें खाद्य व ऊर्जा की कीमतें शामिल नहीं हैं) अगस्त में केवल 0.3 प्रतिशत तक बढ़ा, जो तीन वर्षों में सबसे कम है. फैक्टरी प्रबंधकों के एक आधिकारिक सर्वेक्षण के अनुसार अगस्त में चीन की विनिर्माण गतिविधि छह महीने के निचले स्तर पर आ गई, पिछले सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार क्रय प्रबंधक सूचकांक 49.1 पर आ गया. 50 से नीचे का आंकड़ा मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में कमी को दिखाता है.