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कैसा होगा तारों से पहले का ब्रह्मांड? पता लगाने के लिए वैज्ञानिक भेजेंगे सैटेलाइट्स, जो चांद के लगाएगा चक्कर

ब्रिटिश स्पेस कंपनी 'ब्लू स्काईज स्पेस' और इटली की स्पेस एजेंसी मिलकर चांद के छिपे हुए हिस्से से ब्रह्मांड के प्रारंभिक दिनों के रेडियो सिग्नल्स का पता लगाने के लिए सैटेलाइट्स का समूह डिजाइन कर रही हैं. ये सिग्नल्स बिग बैंग के कुछ लाख सालों बाद के होंगे, जब पहला तारा अस्तित्व में भी नहीं आया था.

क्या आपने कभी सोचा है कि जब पहला तारा अस्तित्व में भी नहीं आया था, तो उस समय का ब्रह्मांड कैसा दिखता होगा? ये सवाल लंबे समय से वैज्ञानिकों के मन में है. अब, इस रहस्य को सुलझाने के लिए एक नई पहल की जा रही है. एक ब्रिटिश स्पेस कंपनी ने ऐसे सैटेलाइट्स का डिजाइन तैयार किया है जो चांद के चक्कर काटेंगे और ब्रह्मांड के प्रारंभिक दिनों की जानकारी प्रदान करेंगे. इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 'ब्लू स्काईज स्पेस' नाम की कंपनी द्वारा विकसित किया जा रहा है और इसके पीछे इटली की स्पेस एजेंसी का समर्थन है.

प्रारंभिक ब्रह्मांड का रहस्य

एक रिपोर्ट के अनुसार, इटली की स्पेस एजेंसी ने ब्लू स्काईज स्पेस को ये कार्य सौंपा है, ताकि वे ऐसे सैटेलाइट्स का डिजाइन तैयार कर सकें जो ब्रह्मांड के प्रारंभिक दौर के कमजोर रेडियो सिग्नल्स का पता लगा सकें. इन सिग्नल्स का स्रोत बिग बैंग के बाद के पहले कुछ लाख साल होंगे, जब ब्रह्मांड की संरचना अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई थी. उस समय पहला तारा भी अस्तित्व में नहीं आया था और ब्रह्मांड ज्यादातर हाइड्रोजन गैस से भरा हुआ था.

सैटेलाइट्स का कार्य और उद्देश्य

ब्लू स्काईज स्पेस का उद्देश्य ये है कि वे ऐसे सैटेलाइट्स का एक समूह डिजाइन करें जो इन रेडियो सिग्नल्स का पता लगा सकें, जो एफएम रेडियो रेंज में होते हैं. इन सिग्नल्स को बिग बैंग के 10 लाख सालों के बाद से मिलने वाली जानकारी के रूप में देखा जाता है. इस परियोजना के तहत इटली की स्पेस एजेंसी ने ब्लू स्काईज स्पेस को €200,000 का डिजाइन प्रोजेक्ट सौंपा है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ये जांचना है कि क्या 4 या उससे ज्यादा सैटेलाइट्स का बेड़ा इन रेडियो सिग्नल्स को पहचानने में सक्षम हो सकता है.

चांद का छिपा हुआ हिस्सा

चांद के छिपे हुए भाग को इस परियोजना के लिए आदर्श स्थान के रूप में चुना गया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि चांद के इस हिस्से से इन रेडियो सिग्नल्स का पता लगाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि यहां से पृथ्वी के रेडियो हस्तक्षेप से बचने में आसानी होगी. ये सैटेलाइट्स के लिए एक उत्तम स्थान हो सकता है, जहां से वे बिग बैंग के बाद के समय से इन सिग्नल्स का पता लगा सकते हैं और हमें ब्रह्मांड के प्रारंभिक स्वरूप के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकते हैं.

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09 April 2025, 05:34 PM IST

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