WHO प्रमुख टेड्रोस बमबारी से बच गए? यमन के सना एयरपोर्ट पर क्या हुआ?
यमन के सना हवाई अड्डे पर एक बड़ा हमला हुआ जब WHO प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस विमान में चढ़ने वाले थे। इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई और एक चालक दल के सदस्य को चोटें आईं। टेड्रोस और उनकी टीम सुरक्षित हैं, लेकिन हमला इतना गंभीर था कि हवाई अड्डे की मरम्मत के बाद ही वे उड़ान भर सके। इस हमले को संयुक्त राष्ट्र और WHO ने खतरनाक करार दिया है। जानें, इस हमले से जुड़ी और अहम बातें!
WHO Chief Tedros Escapes: यमन के सना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस वक्त हमला हुआ जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस विमान में चढ़ने वाले थे। यह हमला उस समय हुआ जब वे संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों की रिहाई के लिए यमन में थे और हवाई अड्डे पर मौजूद थे। इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि विमान के चालक दल के एक सदस्य को चोटें आईं। हालांकि, टेड्रोस सुरक्षित रहे, लेकिन हवाई अड्डे को हुए नुकसान की मरम्मत होने तक उन्हें वहां इंतजार करना पड़ा।
WHO प्रमुख ने हमले पर गहरी चिंता जताई
टेड्रोस ने इस हमले के बाद X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया कि उनका मिशन, जो बंदियों की रिहाई और यमन में स्वास्थ्य एवं मानवीय स्थिति का आकलन करने के लिए था, समाप्त हो गया। उन्होंने बताया, “हम हमले के समय सना से उड़ान भरने वाले थे, लेकिन हवाई अड्डे पर बमबारी हुई। हमारे विमान के चालक दल के सदस्य को चोट आई और दो लोगों की मौत हो गई।” टेड्रोस ने यह भी कहा कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर और हवाई अड्डे के अन्य महत्वपूर्ण हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिसके कारण उन्हें उड़ान भरने में देरी हुई। उन्होंने कहा कि वह और उनके सहकर्मी सुरक्षित हैं और इस दुखद घटना में अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की निंदा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करने का आह्वान किया और कहा कि नागरिकों और मानवीय कार्यकर्ताओं को कभी भी निशाना नहीं बनाना चाहिए। गुटेरेस ने इसे एक खतरनाक हमला बताया और इस संघर्ष के दौरान निर्दोष लोगों की सुरक्षा की आवश्यकता को महत्वपूर्ण बताया।
इजरायली वायु सेना का जवाब
हमले के बाद, इज़रायली रक्षा बल (IDF) ने पश्चिमी तट और यमन में हौथी विद्रोहियों के सैन्य ठिकानों पर हमले किए। रिपोर्टों के अनुसार, इन हमलों का उद्देश्य हौथी सैन्य ढांचे को निशाना बनाना था, जो उनकी सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। इन हमलों में सना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, हिज़्याज़ और रास कनातिब बिजलीघर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाया गया। इसके अलावा, पश्चिमी तट पर अल-हुदैदाह, सलीफ़ और रास कनातिब बंदरगाह भी हमलों के शिकार हुए।
युद्ध में बढ़ते तनाव के बीच हमला
यह हमला ऐसे समय हुआ जब यमन में संघर्ष तेज़ हो चुका है और क्षेत्रीय शक्तियों के बीच युद्ध में नए मोड़ आ रहे हैं। हूथी विद्रोहियों और इजरायली बलों के बीच के संघर्ष ने क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति को और जटिल बना दिया है। इस हमले के बाद टेड्रोस और संयुक्त राष्ट्र ने यमन में मानवीय कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
यह हमला ना सिर्फ यमन बल्कि वैश्विक स्तर पर मानवीय संकट की गहराई को और बढ़ाता है। ऐसे में WHO और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस घटना के बाद यमन में अपनी गतिविधियों को कैसे और बेहतर तरीके से संचालित करेंगे, यह आने वाले समय में देखना होगा।