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WHO ने इन 7 देशों की हवा को बताया साफ़, भारत और पड़ोसी देशों का क्या हाल?

दुनिया भर के देशों में पलूशन के लेवल को लेकर चिंता जाहिर की जाती रही है. इस बीच IQAir ने एक लिस्ट ही जारी कर दी है, जिसमें पलूशन लेवल को लेकर रैकिंग दी गई है. रैकिंग में भारत, पाकिस्तान, चीन जैसे कई देशों की स्थिति खराब बनी हुई है. हालांकि भारत ने पहले के मुकाबले में अपनी स्थिति में सुधार किया है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में 7 देशों की हवा को साफ़ मानते हुए उनकी प्रशंसा की है. ये देश पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं. लेकिन भारत और उसके पड़ोसी देशों का हाल इससे बहुत अलग है, जहां प्रदूषण गंभीर समस्या बना हुआ है.

WHO ने जिन 7 देशों की हवा को सबसे साफ़ माना है, उनमें न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे और कनाडा शामिल हैं. इन देशों में प्रदूषण का स्तर बहुत कम है, और सरकारें अपनी नीतियों के जरिए हवा की गुणवत्ता को सुधारने में सफल रही हैं. इन देशों में प्रदूषण कम करने के लिए कड़े नियम और पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप वहां की हवा साफ़ है.

भारत और पड़ोसी देशों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल जैसे दक्षिण एशियाई देशों में प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है. भारत में, विशेषकर दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में, वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. सर्दियों में प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाता है, जब धुंआ और धुंध के कारण दृश्यता कम हो जाती है और लोगों को सांस लेने में कठिनाई होती है.

भारत और पड़ोसी देशों का क्या हाल?

भारत के अलावा, पाकिस्तान और बांग्लादेश भी वायु प्रदूषण के गंभीर मुद्दे से जूझ रहे हैं. इन देशों में वाहनों, उद्योगों और कृषि पराली जलाने से प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है. इन देशों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है, जो स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा करती है.

प्रदूषण से निपटने के उपाय

WHO की रिपोर्ट के बाद, अब ये जरूरी हो जाता है कि भारत और उसके पड़ोसी देश वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं. इसके लिए स्वच्छ ऊर्जा, सार्वजनिक परिवहन का सुधार, और कड़े पर्यावरणीय नियमों की आवश्यकता है. सरकारों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए लंबी अवधि की योजनाएं बनानी चाहिए, ताकि भविष्य में हवा की गुणवत्ता बेहतर हो सके और नागरिकों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे.

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11 March 2025, 05:51 PM IST

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