कौन हैं चिन्मय प्रभु? जिनकी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे बांग्लादेशी हिंदू

Bangladesh: बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर हिंदू विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल,  चिन्मय प्रभु पर आरोप है कि उन्होंने हिंदू समुदाय की एक रैली में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया. इसी आरोप के कारण ढाका पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, हिदुंओं का कहना है कि यह आरोप बेबुनियादी और अपमान जनक हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

Who is Chinmoy Prabhu: बांग्लादेश पुलिस ने इस्कॉन के प्रमुख नेता चिन्मय कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल एयरपोर्ट इलाके से गिरफ्तार किया है. उन पर 30 अक्टूबर को चटगांव में हिंदू समुदाय की रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप है. इस मामले में उनके साथ 18 अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है.

चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया है. चटगांव में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान चरमपंथी समूहों ने हमला किया, जिसमें 50 से अधिक हिंदू घायल हो गए. इसके विरोध में हिंदू समुदाय ने हर जिले में शांतिपूर्ण सभाएं और मशाल रैलियां निकाली.

कौन हैं चिन्मय प्रभु

चिन्मय प्रभु बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले प्रमुख नेता हैं. उनका असल नाम चिन्मय कृष्ण दास हैं लेकिन लोग उन्हें चिन्मय प्रभु नाम से भी जानते हैं. वह इस्कॉन के प्रवक्ता और बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रमुख हैं. बांग्लादेश की 8% हिंदू आबादी के लिए वह एक सशक्त आवाज़ रहे हैं.

इस्कॉन का विरोध और अपील

इस्कॉन ने इस गिरफ्तारी को आधारहीन बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है. संगठन ने बांग्लादेश सरकार से चिन्मय दास की तुरंत रिहाई की मांग की है. साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बांग्लादेश सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. चिन्मय दास के समर्थन में बढ़ते प्रदर्शन और आक्रोश ने बांग्लादेश सरकार के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है.

आरोप और विरोध

बांग्लादेश की मीडिया का कहना है कि चिन्मय प्रभु को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. हालांकि, हिंदू संगठनों का कहना है कि यह गिरफ्तारी धार्मिक भेदभाव और उनके अधिकारों की लड़ाई को दबाने का प्रयास है. चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर तनाव और बढ़ गया है.

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26 November 2024, 08:42 AM IST

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