कौन हैं ISKCON के संत चिन्मय कृष्ण दास, जिनकी गिरफ्तारी पर बांग्लादेश में बवाल!

Chinmoy Krishna Das Brahmachari : बांग्लादेश में ISKCON के प्रमुख चेहरे चिन्मय कृष्ण दास को पिछले दिनों देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया. कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से मना कर दिया, जिसके बाद कई जगहों पर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन हैं चिन्मय कृष्ण दास, जिनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बवाल मच गया.

calender

Chinmoy Krishna Das Brahmachari : बांग्लादेश के ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने 25 नवंबर को इस्कॉन के भिक्षु और बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार कर लिया. उन पर अक्टूबर में चटगांव में आयोजित एक रैली के दौरान बांग्लादेश के झंडे का अपमान करने का आरोप है. यह मामला देश के 1860 के दंड संहिता के तहत देशद्रोह के आरोप में दर्ज किया गया. 

कौन हैं चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी?

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें इस्कॉन समुदाय में श्री चिन्मय कृष्ण प्रभु के नाम से जाना जाता है, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए एक प्रमुख आवाज रहे हैं. वह पुंडरिक धाम इस्कॉन केंद्र के अध्यक्ष हैं और पहले चटगांव में इस्कॉन के प्रांतीय संगठन सचिव का पद संभाल चुके हैं. उनका जन्म मई 1985 में चटगांव जिले के सटकानिया उपजिला के करियानगर गांव में हुआ था. 

12 साल की उम्र में, 1997 में, उन्होंने दीक्षा ली और ब्रह्मचारी के रूप में इस्कॉन में शामिल हो गए. बचपन से ही वह धार्मिक प्रवचनों में अपनी प्रतिभा के लिए पहचाने जाने लगे थे. 

गिरफ्तारी और राजद्रोह का मामला

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी 25 अक्टूबर 2024 को चटगांव में हुई एक उच्च-प्रोफ़ाइल रैली के बाद हुई. आरोप है कि रैली के दौरान उन्होंने बांग्लादेश के झंडे का अपमान किया. इस मामले में उनके साथ 18 अन्य लोगों पर भी राजद्रोह के आरोप लगाए गए हैं. 

गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले, 22 नवंबर को, उन्होंने रंगपुर में एक रैली में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की थी. उनकी जमानत याचिका 26 नवंबर को बांग्लादेश की अदालत ने खारिज कर दी और उन्हें हिरासत में भेज दिया गया. 

तेजी से बढ़ी लोकप्रियता

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी कुछ महीने पहले तक सार्वजनिक जीवन में ज्यादा चर्चित नहीं थे. उनकी लोकप्रियता तब बढ़ी जब अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और उनके मंदिरों पर हमले तेज हो गए. हिंसा के इस माहौल में उन्होंने अल्पसंख्यकों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए मुखर होकर आवाज उठाई. कुछ ही महीनों में वह बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के प्रमुख नेताओं में से एक बन गए. 

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने गहरी चिंता व्यक्त की.  मंत्रालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज होने पर भी असंतोष जाहिर किया. MEA के बयान में कहा गया कि यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हिंसा, आगजनी, लूटपाट, मंदिरों और देवताओं की मूर्तियों के अपमान जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं.  First Updated : Thursday, 28 November 2024