Esmail Qaani: ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) की एक विशिष्ट शाखा, कुद्स फोर्स के कमांडर इस्माइल कानी, पिछले हफ्ते दक्षिणी बेरूत में किए गए इजरायली हवाई हमलों के बाद से लापता हैं. दो वरिष्ठ ईरानी सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक इस्माइल कामी की लेबनान में हिजबुल्लाह के गढ़ किए गए हमलों के बाद से कोई खबर नहीं हैं.
इस्माइल कानी हिजबुल्लाह नेता सैय्यद हसन नसरल्लाह की मौत के बाद लेबनान गया था. बताया जा रहा है कि वो हमले के दौरान बेरूत के दक्षिणी उपनगर दहियाह में था, जिसमें नसरल्लाह के उत्तराधिकारी हाशेम सफ़ीद्दीन को भी निशाना बनाया था. हवाई हमले के बाद से सफ़ीद्दीन से भी किसी तरह का संपर्क नहीं हो पा रहा है.
तुर्की और इजरायली स्रोतों समेत कई मीडिया आउटलेट्स में रिपोर्टें सामने आई हैं. इन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस्माइल कानी हमलों में मारा गया होगा. हालांकि इस बारे में ईरान या हिजबुल्लाह की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. इजरायली आउटलेट्स की कुछ रिपोर्टों ने कहा गया है कि इस्माइल कानी हमले में घायल हो गया होगा या मारा गया होगा. लेबनान के अधिकारियों ने इस्माइल कानी की मौत की पुष्टि की है. इजराइल ने इस जानकारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. वहीं इस बारे में सऊदी मीडिया ने यहां तक सुझाव दिया है कि इस्माइल कानी को इज़राइल के मोसाद के साथ सहयोग करने के संदेह में ईरान द्वारा मार दिया गया होगा.
जनवरी 2020 में अपने पूर्ववर्ती कासिम सुलेमानी की मौत के बाद कुद्स फोर्स पर कब्जा करने के बाद से 67 वर्षीय इस्माइल कानी ईरान की सैन्य रणनीति में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं. सुलेमानी के विपरीत, क़ानी अरबी नहीं बोलता है, जिसने अरब मिलिशिया के साथ मजबूत संबंध स्थापित करने की उसकी क्षमता को और सीमित कर दिया. इस्माइल कानी के नेतृत्व में हिजबुल्लाह समेत कई ईरानी प्रॉक्सी को लक्षित करने वाले इजरायली हवाई हमलों में वृद्धि हुई.
इस्माइल कानी का सैन्य करियर 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के दौरान शुरू हुआ, जहां कानी ने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के लिए लड़ाई लड़ी. 1997 में, वह कुद्स फोर्स के डिप्टी कमांडर बने जब सुलेमानी ने इसके मुख्य कमांडर के रूप में पदभार संभाला. कुद्स फोर्स के भीतर कानी की भूमिका में ईरान की पूर्वी सीमाओं से परे, विशेष रूप से अफगानिस्तान और पाकिस्तान में संचालन की देखरेख करना शामिल था.
अगर इस्माइल कानी की मौत की पुष्टि हो जाती है, तो यह मध्य पूर्व में ईरान के प्रभाव के लिए एक महत्वपूर्ण झटका होगा. कुद्स फोर्स, जिसका नेतृत्व कानी करता है, अपने अर्धसैनिक सहयोगियों के साथ ईरान के संबंधों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें लेबनान में हिजबुल्लाह, यमन में हौथिस और इराक में शिया मिलिशिया शामिल हैं. इस्माइल कानी को खोने से इन गठबंधनों को प्रबंधित करने की ईरान की क्षमता कमजोर हो सकती है, खासकर ऐसे समय में जब इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव बढ़ रहा है. First Updated : Tuesday, 08 October 2024