कौन हैं नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह? जो बनीं नामीबिया की पहली महिला राष्ट्रपति
First Female President of Namibia: नामीबिया में एक ऐतिहासिक पल आया जब 72 वर्षीय नेटुम्बो नंदई-नदैतवा देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन गईं. मंगलवार को जारी आधिकारिक चुनाव परिणामों के अनुसार, उन्होंने 57% वोट के साथ बड़ी जीत हासिल की. इस जीत के साथ उन्होंने उन अटकलों को गलत साबित कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि उन्हें दूसरे चरण में जाना पड़ सकता है.
First Female President of Namibia: अफ्रीकी देश नामीबिया के इतिहास में पहली बार कोई महिला राष्ट्रपति बनी है. नेतुम्बो नंदी-नदैतवाह, जो पहले देश की उपराष्ट्रपति थीं, अब देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में चुनी गईं. वह स्वैपो (SWAPO) पार्टी से हैं और उनकी जीत ने देश में एक ऐतिहासिक बदलाव किया है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 दिसंबर को जारी किए गए आधिकारिक चुनाव परिणामों के अनुसार, स्वैपो पार्टी को 57 प्रतिशत वैध वोट मिले. यह वोट संख्या राष्ट्रपति बनने के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत से कहीं अधिक थी.
कौन हैं नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह?
अफ्रीकी देश नामीबिया की पहली महिला राष्ट्रपति बनने वाली नेटुम्बो नंदी का जन्म 29 अक्टूबर 1952 को दक्षिण पश्चिम अफ्रीका के ओवाम्बोलैंड के ओनामुताई में जस्टिना नेकोतो शादुका-नंदी और पेट्रस नंदी के घर हुआ था. उनके पिता एक एंग्लिकन पादरी थे. नदैतवाह की शिक्षा ओडिबो में सेंट मैरी मिशन में हुई है.
नंदी-नदैतवा 1976 से 1978 तक जाम्बिया में SWAPO की उप-प्रतिनिधि और 1978 से 1980 तक जाम्बिया में मुख्य प्रतिनिधि रही. 1980 से 1986 तक, वह पूर्वी अफ्रीका में SWAPO की मुख्य प्रतिनिधि थीं, जिसका मुख्यालय दार एस सलाम में था. वह 1976 से 1986 तक SWAPO केंद्रीय समिति की सदस्य और 1991 से 1994 तक नामीबियाई राष्ट्रीय महिला संगठन (NANAWO) की अध्यक्ष रही.
शांति और स्थिरता के लिए किया मतदान
राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद, नंदी-नदैतवा ने देशवासियों को धन्यवाद देते हुए कहा, "नामीबियाई राष्ट्र ने शांति और स्थिरता के लिए मतदान किया है" उन्होंने अपनी जीत को देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत बताया और देश की सेवा में सर्वोत्तम प्रयास करने का वादा किया.
विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
हालांकि, चुनाव के दौरान कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आईं. मतपत्रों की कमी और अन्य मुद्दों के कारण मतदान को शनिवार तक बढ़ाना पड़ा. इसके चलते कई मतदाताओं को लंबा इंतजार करना पड़ा, और कुछ ने पहले दिन मतदान ही नहीं किया. इस स्थिति पर विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई और चुनाव परिणामों को अस्वीकार कर दिया. उनका कहना है कि मतदान अवधि का विस्तार अवैध था और वे अदालत में इसे चुनौती देंगे.
ऐतिहासिक पल और चुनौतियां
नेटुम्बो नंदई-नदैतवा का राष्ट्रपति पद संभालना न केवल नामीबिया बल्कि पूरे अफ्रीका के लिए एक ऐतिहासिक पल है. पहली महिला राष्ट्रपति बनने के साथ उन्होंने साबित किया है कि महिलाओं का नेतृत्व किसी भी देश के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है. हालांकि, चुनावी प्रक्रिया पर उठे सवालों और विपक्षी दलों की चुनौती को देखते हुए उनकी सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां होंगी.
जनता की उम्मीदें
नामीबियाई जनता अब अपनी नई राष्ट्रपति से बेहतर प्रशासन, विकास और देश में स्थिरता बनाए रखने की उम्मीद कर रही है. नेटुम्बो नंदई-नदैतवा ने देश के हर नागरिक को साथ लेकर चलने का वादा किया है. यह ऐतिहासिक जीत न केवल नामीबिया के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा है कि महिलाओं का नेतृत्व बदलाव ला सकता है.